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बिहार में बरामद हुई कारतूस के जखीरे का कनेक्शन जिले के कुछ गन हाउस से,एसपी, चंदौली।
एजेंसी डेस्क : रिपोर्ट, (एस, के, गुप्ता)चंदौली: बिहार के मोहनिया स्थित डिडखिली टोल प्लाजा के पास एक कार से बरामद कारतूसों की सप्लाई चंदौली स्थित एक गन हाउस से भी हुई थी।
तस्करी कर बिहार में सप्लाई के लिए ले जाई जा रही कारतूसों की खेप में तीन अलग-अलग प्रकार के कारतूस मौजूद थे. इस प्रकरण में बिहार और जिले की पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. कारतूस की जखीरे के बरामदगी के बाद से ही गन हाउस संचालक फरार बताया जा रहा है. जिसकी तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, बिहार एसटीएफ और दुर्गावती थाना की संयुक्त टीम ने 17 नवंबर को डिडखिली टोल प्लाजा के पास एक कार से 2200 कारतूस और एक तमंचा बरामद किया. इस दौरान टीम ने बिहार प्रांत के रहने वाले विपिन पासवान, प्रशांत कुमार, ओमप्रकाश और सोनू सिंह के पास से कारतूस बरामद किए थे. पुलिस टीम की पूछताछ में तस्करों ने चंदौली स्थित एक गन हाउस से भी कारतूस की खेप खरीदने की बात कबूल की थी।
चंदौली स्थित गन हाउस का नाम सामने आते ही बिहार और चंदौली जिले की पुलिस ने सक्रियता से गन हाउस की भूमिका की जांच शुरू कर दी है. लेकिन संदिग्ध गन हाउस संचालक को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है. जिले से बिहार में कारतूसों की सप्लाई होने का मामला सामने आने के बाद से चंदौली में अन्य जांच एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए है।
इंटेलिजेंस पूरी तरह हुआ फेल,,,,,
जिले में पुलिस अपने मुखबीर तंत्र के बजाय सर्विलांस पर ज्यादा निर्भर हो गई है. नतीजन पुलिस की नाक के नीचे से कारतूसों की सप्लाई हो रही थी और पुलिस को इसक भनक तक नहीं लग पा रही है. हालांकि पुलिस अपनी पीठ थपथपाने के लिए मादक पदार्थों की तस्करों को पकड़कर वाहवाही लूटती है. लेकिन गन हाउस से बड़ी संख्या में अवैध तरीके से कारतूसों की सप्लाई होना पुलिस के एक्टिव मुखबीर तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है।
कारतूसों की अवैध तस्करी के बारे में जब मीडिया ने एसपी चंदौली से पूछा तो उन्होंने इस बाबत एसपी चंदौली अंकुर अग्रवाल ने बताया कि, बिहार में पकड़े गए कारतूसों की सप्लाई चंदौली और अन्य जिलों से होने की बात सामने आई है, इस मामले में एक गन हाउस संचालक और अन्य की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है। और बहुत जल्द ही कारतूसों की तस्करी के मामला का खुलासा कर लिया जाएगा।