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वाराणसी ज्ञानवापी केस : दो वादों की दो दिसंबर को होगी सुनवाई, ज्ञानवापी की बैरिकेटिंग हटाने की मांग।
एजेंसी डेस्क : ज्ञानवापी से जुड़े लंबित दो अन्य प्रार्थना पत्रों (वादों) पर शनिवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई।कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तिथि नियत की है।
ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी ने ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और 1993 में ज्ञानवापी की बैरिकेटिंग हटाने की मांग की गई है।
इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से अधिवक्ता कोर्ट में उपस्तिथि हुए। इस मामले में अन्य प्रतिवादी प्रशासन अभी तक हाजिर नहीं हुए है। हाजिर होने के लिए पिछले तिथि पर सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया था।
उधर दूसरा वाद पर्यावरणविद प्रभुनरायन की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग-भोग, दर्शन-पूजन के साथ गैर हिदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है।
प्रार्थना पत्र में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर अनुतोष देने का अनुरोध किया गया है। अदालत ने अग्रिम सुनवाई के लिए इस मामले में भी दो दिसंबर की तिथि नियत की है।