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राहुल गांधी के रडार पर बागी विधायक, भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान आने से पहले तेजी से बदल रहे समीकरण।
एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो), राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इंटरव्यू भारत जोड़ो यात्रा के दौरान काफी चर्चा में है। नेता मानते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे नेता ने जो कुछ कहा उस में कुछ भी गलत नहीं है।
राहुल गांधी भी पैसे लेकर घर बदलने वालों से खासे नाराज हैं। उन्हें वह एक तरह से भ्रष्ट और गद्दार मानते हैं। पैसे लेने के साथ एक बात की चर्चा जोरों पर है कि जिन विधायकों ने पार्टी तोड़ने के लिए पैसे लिए उन्होंने आज तक आलाकमान से माफी क्यों नहीं मांगी। सरकार गिराने की कोशिश करने वालों के मुखिया रहे सचिन पायलट ने ना तो अब तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अब नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से आज तक माफी नहीं मांगी है।
गहलोत ने अपने इंटरव्यू में माफी मांगने की बात कही थी। अगर सचिन पायलट वर्ष 2020 में सरकार गिराने की कोशिशों में असफल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने शर्मिंदगी तथा सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली होती तो शायद राजस्थान का विवाद तभी समाप्त हो गया होता। इसके बाद 25 सितंबर जैसी घटना नहीं हुई होती और ना ही सीएम अशोक गहलोत को सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ती।
कांग्रेस अध्यक्ष ने की सीएम गहलोत की तारीफ,,,,,,,,
कांग्रेस के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ की। खड़गे गुजरात के डेडियापाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने चुनावी भाषण की शुरुआत में ही कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री हम सबके चहेते लीडर और गुजरात में जो मन लगाकर काम कर रहे हैं ऐसे नेता है अशोक गहलोत।
बाकी मंच पर बैठे और नेताओं के भी उन्होंने नाम लिए। लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत की अलग से सराहना कर उन्होंने एक बड़ा मैसेज दिया है। खड़गे के इस संदेश से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज भी पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेता है। उनके गिनती के विरोधी नेता उनके खिलाफ जो भी अभियान चलाएं। आलाकमान उनके साथ खड़ा है। आलाकमान ने मुख्यमंत्री गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बना गुजरात की विशेष जिम्मेदारी दी है।
विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल बन गया है बिजनेस,,,,,
कांग्रेस के नेता मानते हैं कि एक व्यक्ति जिसने बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार लगभग गिराई थी। आखिर वह किस हैसियत से अपनी दावेदारी कर रहा है। एक चर्चा इस बात की भी है कि दल तोड़ने की कोशिश करने वाले विधायकों ने करोड़ों में लिए पैसे वापस क्यों नहीं किए।
सूत्रों की मानें तो इन विधायकों को बाकायदा कहा गया है कि जो पैसे उन्होंने बीजेपी से लिया। उन्हें वापस करें। जहां तक बात हुई है कि अगर उन्होंने कुछ पैसा खर्च भी कर दिया है तो एआईसीसी उसकी भरपाई करेगी। लेकिन पैसे लेने वाले यह विधायक पैसा वापस करने को आज तक तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने तो कहा भी है कि इन लोगों को कितना पैसा मिला उसके सबूत भी हैं। दरअसल पिछले 3 साल में राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल एक तरह से बिजनेस बन गया है।
अमित शाह से कौन-कौन मिला राहुल गांधी को सब है पता,,,,,
राहुल गांधी ने भले ही अभी राजस्थान के मामले में सीधे कुछ नहीं बोला हो। लेकिन वे जानते हैं कि किस नेता ने बीजेपी के किन-किन नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कब और कितनी बार मुलाकात की उनके पास दलबदल की कोशिश करने वाले विधायकों का पूरा लेखा-जोखा है। समय आने पर वह उसे सामने ला सकते हैं। जो उस पर बोल भी सकते हैं। 5 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंच रही है। उस दौरान उन्हें लगा कि बोलना जरूरी है तो वह काफी कुछ कह सकते हैं।
विधायकों को दिए थे 25-25 करोड़ रुपए,,,,,
इस बात की आम चर्चा है कि सत्ताधारी दल मोलतोल में कोई कमी नहीं रख रहा है। कहा जाता है कि मध्यप्रदेश में दल बदलने वाले एक विधायक को दो किस्तों में 20 करोड़ दिए गए। राजस्थान में यह राशि बढ़ाकर 25 करोड़ कर दी गई थी। कहा जाता है कि इसके बाद अब तक की सबसे बड़ी रकम देने की बात महाराष्ट्र में हुई थी। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि दलबदल हमेशा से ले देकर होता रहा है।
राजस्थान में दलबदल की कोशिश करने वाले नेताओं के प्रति सहानुभूति रखने वाले नेताओं को लेकर भी यात्रा में हैरानी जताई जाती है। मतलब जिस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर आए। उसी को धोखा देना एक तरह से गद्दारी ही कहा जाएगा। इस शब्द को अप्रत्याशित कहा ही नहीं जा सकता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया गद्दार को अप्रत्याशित शब्द,,,,,
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि इस साक्षात्कार में गहलोत ने कुछ अप्रत्याशित शब्दों का प्रयोग किया है। उन्हें इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। गहलोत ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पायलट को गद्दार करार देते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी।
पायलट ने गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश की थी। गहलोत के इस बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए जयराम रमेश ने इंदौर में पत्रकारों से कहा कि मैं दोहराना चाहूंगा कि अशोक गहलोत हमारी पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। वही पायलट युवा और लोकप्रिय और ऊर्जावान नेता हैं। पार्टी को गहलोत और पायलट दोनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ मतभेद हैं। मुख्यमंत्री की ओर से कुछ शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। जो अप्रत्याशित थे और जिनसे मुझे भी आश्चर्य हुआ। रमेश ने यह कहा कि गहलोत को साक्षात्कार में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जयराम रमेश ने कहा कि हमारे लिए संगठन सर्वोपरि है। राजस्थान के मसले पर हम वही चुनेंगे। जिससे हमारा संगठन मजबूत होगा। इसके लिए अगर हमें कठोर निर्णय लेने हैं तो लिए जाएंगे। अगर समझौता कराया जाना है तो वह भी कराया जाएगा।