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बिहार के IPS अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी, UP में भी रेड, जहां भी दिखे पकड़ लिए जाएं, आदेश जारी

बिहार के IPS अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी, UP में भी रेड, जहां भी दिखे पकड़ लिए जाएं, आदेश जारी



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एजेंसी डेस्क : पटना: बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ वारंट जारी हो चुका है.

गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. टीम गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती है. आर्थिक अपराध की विशेष अदालत द्वारा यह आदेश जारी किया गया है. 

दरअसल ईओयू की ने विशेष अदालत के सामने एक आवेदन दाखिल किया था और इस मामले में फरार चल रहे अभियुक्त आदिय्त कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किए जाने का अनुरोध किया था.

गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे हैं. उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. आदित्य की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाई गई है. एडीजी, इओयू द्वारा टीम का गठन किया गया है. टीम गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती है. इसका मतलब साफ है कि आईपीएस आदित्य कुमार किसी भी राज्य में हों उनकी गिरफ्तारी तय है. 

बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि मामले का अनुसंधान आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा किया जा रहा है. इस घटना में जांच के दौरान सामने आए सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं. इसमें मुख्य आरोपी आईपीएस आदित्य कुमार हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है.

बिहार पुलिस मुख्यालय की पहल पर भारतीय पुलिस सेवा के अफसर आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम यानी एसआईटी का गठन कर दिया है. आर्थिक अपराध इकाई के अफसरों को इस टीम में शामिल किया गया है. फरार आईपीएस अधिकारी की तलाश बिहार के साथ दूसरे राज्यों में की जा रही है. 

उनके गृह जिले मेरठ पर भी आर्थिक अपराध इकाई की नजर है. एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार की मानें तो आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की गिरफ्तारी का प्रयास लगातार जारी है. आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी उनके गृह जिले मेरठ पहले भी जा चुके हैं और फिर से दबिश दी जा रही है.

बता दें कि आदित्य कुमार पर गया के एसपी रहने के दौरान शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा था. इस पर जांच के लिए टीम बनाई गई थी. इसके साथ ही आदित्य कुमार पर जालसाजी के तहत अपने मित्र अभिषेक के माध्यम से बिहार पुलिस के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाने और अपने ऊपर लगे केस को हटवाने का भी आरोप है. 

2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उन पर आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी, 66सी और 66 के तहत फतेहपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था.