वाराणसी। जगत कल्याण के लिए महादेव को भी अन्नदान देने वाली अन्न-धन की अधिष्ठात्री देवी मां अन्नपूर्णा का दरबार 29 नवम्बर मंगलवार को नई धान की बालियों से सजेगा। इसी के साथ मातारानी का 17 दिवसीय व्रत का समापन भी हो जायेगा।
धान की बालियों का प्रसाद अगले दिन बुधवार को आम श्रद्धालुओं में वितरित किया जायेगा। सोमवार को मातारानी के दरबार को धान के बालियों से सजाने का कार्य पूरे दिन चलता रहा। इसको लेकर मंदिर प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा।
उल्लेखनीय है कि मां अन्नपूर्णा के 17 दिवसीय खास व्रत की शुरूआत 13 नवम्बर से हुई थी। मंदिर के महंत शंकरपुरी ने सत्रह गांठ का धागा श्रद्धालुओं में वितरित किया था। व्रती महिलाओं और पुरूषों ने इसे धारण कर 17 दिन तक माता रानी का व्रत रखा। व्रत के समापन पर मातारानी के दरबार को धान के बालियों से सजाया जाता है।
इसके लिए पूर्वांचल भर के किसान अपने खेत की धान की पहली बालियां मां को अर्पित करते हैं। इन्हीं बालियों से दरबार में झांकी सजाई जाती है। मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा समर्पित सत्रह दिवसीय व्रत व धान की बालियां अर्पित करने से उनकी कृपा बनी रहती है। परिवार में अन्न-धन की कमी नहीं होती।