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नए साल पर बाबा विश्वनाथ धाम में 12 लाख श्रद्धालुओं की उमड़ेगी भीड़, शिवलिंग छूने की नहीं मिलेगी अनुमति,,,।
एजेंसी डेस्क (वाराणसी ब्यूरो),।नए साल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की उम्मीद के साथ जिला प्रशासन ने काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रबंधन के साथ मिलकर 31 दिसंबर से दो जनवरी तक स्पर्श दर्शन (जब भक्तों को शिवलिंग को छूने की अनुमति दी जाती है) को प्रतिबंधित कर दिया है।
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि स्पर्श दर्शन 31 दिसंबर और दो जनवरी के बीच नहीं किया जा सकेगा। शुक्रवार को इसका पूर्वाभ्यास भी किया गया। नए साल पर श्रद्धालुओं की संख्या 12 लाख से अधिक होने की उम्मीद है। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि स्पर्श दर्शन में थोड़ा समय लगता है क्योंकि भक्त गर्भगृह में प्रवेश करते हैं और जल, प्रसाद आदि चढ़ाते हैं। लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है।
गोदौलिया से मैदागिन नो व्हेकिल जोन,,,,,,,
पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन ने शुक्रवार की शाम विश्वनाथ मंदिर व दशाश्वमेध घाट का निरीक्षण किया और भीड़ प्रबंधन पर मंथन किया। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रवेश व निकास द्वार पर सुरक्षा ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। 31 दिसंबर की भोर से गोदौलिया से मैदागिन,जंगमबाड़ी और रामापुरा चौराहे से किसी भी तरह के वाहन मंदिर की ओर नहीं जाएंगे। केवल पैदल लोगों का आवागमन होगा।
काशीधाम क्षेत्र को चार जोन, 11 सेक्टर और 26 सब सेक्टर में बांटकर एसीपी, निरीक्षक और उप निरीक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। काशी जोन के डीसीपी आरएस गौतम ने बताया कि मैदागिन,जंगमबाड़ी औररामापुरा चौराहे पर बैरियर लगाए जाएंगे। इन तीनों मार्गों पर और दशाश्वमेध घाट जाने वाले रास्तों पर दर्शनार्थियों के लिए अलग से कतारें लगेंगी। बैरिकेडिंग की व्यवस्था कराई जा रही है। धाम के गेट नंबर चार से गोदौलिया तक, गोदौलिया से दशाश्वमेध तक, गोदौलिया से गिरजाघार रोड तक और गोदौलिया से मैदागिन कतार के लिए बैरिकेडिंग की जा रही है।
मां विंध्यवासिनी दरबार में भी चरण स्पर्श पर रोक,,,,,,,
31 दिसंबर से दो जनवरी 2023 तक मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि श्रद्धालु झांकी से मांविंध्यवासिनी का दर्शन कर सकेंगे।
घाटों पर होगी विशेष ड्यूटी,,,,,,,
डीसीपी ने बताया कि दशाश्वमेध के अलावा नमो घाट, पंचगंगा घाट, केदारेश्वर घाट, अस्सीघाट, रविदास घाट पर विशेष ड्यूटियां लगाई जाएंगी। आम जनमानस के लिए सहायता केंद्र भी बनाए गए हैं।
गंगा में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध,,,
हादसे की किसी भी आशंका को रोकने के लिए गंगा में भी बैरिकेडिंग की जा रही है और वहां लाल कपड़ा बांधा जा रहा है। इसके अलावा जल पुलिस, एनडीआरएफ और पीएसी का बाढ़ राहत दल लगातार गश्त करेगा। वाटर एंबुलेंस दशाश्वमेध के पास रहेगी।