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सिपाही 'चाचा', 'AK-47 भतीजी' का हनीट्रैप गैंग, जिसे फंसा कर जेल भिजवाया; उसी ने खोल दी पोल,,,।

सिपाही 'चाचा', 'AK-47 भतीजी' का हनीट्रैप गैंग, जिसे फंसा कर जेल भिजवाया; उसी ने खोल दी पोल,,,।


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एजेंसी डेस्क : (लखनऊ ब्यूरो),। कानपुर पुलिस ने एक ऐसे हनीट्रैप गिरोह का खुलासा किया है, जिसका मास्टरमाइंड उत्तर प्रदेश पुलिस का एक बर्खास्त सिपाही है। 

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ललितपुर में तैनाती के दौरान इस सिपाही को हनीट्रैप के ही मामले में बर्खास्त किया गया था, लेकिन इसके बाद सुधरने के बजाय इसने पूरा गिरोह ही खड़ा कर लिया।

इसके गिरोह में चार लड़कियों के साथ तीन पुरुष भी जुड़ गए, आरोपी लोगों को हनीट्रैप में फंसाते और यदि कोई इनके जाल से निकल जाता तो उसके खिलाफ रेप और छेड़छाड़ का केस दर्ज करा देते थे, लेकिन अब इनके ही एक शिकार व्यापारी ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल कर इन्हें मय सबूतों के साथ पुलिस में पकड़वा दिया है।

कानपुर में केशवपुरम के आवास विकास कालोनी में रहने वाले व्यापारी हरिश्चंद्र पांडेय ने पुलिस में शिकायत दी है।और बताया कि वह बिल्डिंग मैटेरियल का कारोबार करते हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि महोबा के श्यावन निवासी एक युवती ने कुछ समय पहले उनके खिलाफ दुष्कर्म का फर्जी आरोप लगाते हुए उन्हें जेल भिजवा दिया था। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने आरोपी लड़की के बारे में जांच पड़ताल की तो पता चला कि इस युवती का एक बड़ा हनीट्रैप गिरोह है। इस युवती का चाचा रवींद्र सिंह राजपूत इस गिरोह को संचालित करता है. वह पहले यूपी पुलिस का सिपाही था, लेकिन अब बर्खास्त हो चुका है. इस गिरोह में तीन अन्य युवतियों के अलावा इंद्रपाल और पुष्पेंद्र राजावत भी शामिल हैं. इस जानकारी के बाद पीड़ित ने एडीजी जोन भानु भाष्कर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई, इसके बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है।

ललितपुर में हुआ था बर्खास्त,,,,,,,

पुलिस के मुताबिक आरोपी सिपाही रवींद्र राजपूत पूर्व में ललितपुर में तैनात था, वहां भी कुछ युवतियों के साथ मिलकर हनीट्रैप गिरोह चलाता था, उसने कई कर्मचारियों व कारोबारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर लाखों रुपये वसूल किए। हालांकि उस समय मामले का खुलासा होने के बाद तत्कालीन एसपी ललितपुर निखिल पाठक ने उसे बर्खास्त कर दिया था।

पहले भी दर्ज हुए हैं मामले,,,,,,,

बर्खास्त सिपाही रवींद्र राजपूत और उसके साथियों के खिलाफ कल्याणपुर थाने में पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर मामले रंगदारी मांगने के हैं, एडीजी जोन की जांच में पता चला है कि बर्खास्त सिपाही के खिलाफ और उसके साथियों के खिलाफ अब तक हनीट्रैप के नौ मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस के मुताबिक छतरपुर में इसी तरह के एक मामले में वह जेल भी जा चुका है, बर्खास्त सिपाही रवींद्र का ऑडियो भी सामने आया है, इसमें वह गिरोह की एक युवती के साथ बातचीत कर रहा है, इसमें युवती स्वीकार कर रही है कि वह रवींद्र के कहने पर पैसे वालों को फंसाती थी। इसमें वह यह भी बता रही है कि गिरोह में कई लड़कियां हैं, लेकिन वह उनसे कभी मिली नहीं है।

भतीजी का वायरल हुआ था फोटो,,,,,,,

व्यापारी हरिश्चंद पांडेय ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि बर्खास्त सिपाही रवींद्र की एक भतीजी के कई फोटोऔरवीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं. कई फोटो में वह हाथ में AK-47 लिए दिख रही है। उन्होंने बताया कि यह भतीजी लोगों को अपने फोटो भेज कर रिझाती है, और होटल में बुलाकर उनके साथ वसूली करती है।