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बहू की डांट से परेशान सास पटना से आ गई काशी, एक माह बाद बेटे को पाकर खूब रोईं,,,।

बहू की डांट से परेशान सास पटना से आ गई काशी, एक माह बाद बेटे को पाकर खूब रोईं,,,।


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एजेंसी डेस्क : (वाराणसी ब्यूरो),। बिहार की रहने वाली एक महिला को उसकी बहू ने फटकार लगा दिया। 

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बहू द्वारा डांट फटकार लगाई जाने के बाद नाराज सास अपना घर छोड़कर वाराणसी चली आई। वाराणसी आने के बाद महिला कई दिन तक इधर-उधर भटकती रही उसके बाद वह एक वृद्धाश्रम में पहुंची।वृद्धाश्रम में एक महीने तक महिला रही, इस दौरान वृद्धाश्रम के लोगों ने उसके परिवार से संपर्क किया तो उसका बेटा उसे लेने के लिए पहुंचा। बेटे के पहुंचने के बाद वृद्धा अपने बेटे से को गले लगाकर फूट फूट कर रोई।

भटकते हुए चली आई वाराणसी,

दरअसल बिहार के पटना की रहने वाली 70 वर्षीय सरवरी बेगम अपने घर पर बेटे और बहू के साथ रहती थी। महिला का कहना है कि उनकी बहू उन्हें आए दिन प्रताड़ित करती थी, जिसके चलते हो वह परेशान हो गई थी। रोज-रोज बहू की डांट फटकार सुनने के बाद नाराज सरवरी बेगम एक माह पूर्व अपना घर छोड़ दी। अपना घर छोड़ने के बाद भटकते हुएसरवरी बेगम वाराणसी चली आई। 

वाराणसी आने के बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर इधर-उधर भटकती रही। इसी दौरान 'अपना घर आश्रम' के लोगों को भटक रही महिला के बारे में सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद वृद्धाश्रम के लोग महिला को अपने साथ आश्रम में ले गए।

आश्रम में सदस्यों द्वारा की गई काउंसलिंग और सेवा,,,,,,,

वृद्धाश्रम में महिला के पहुंचने के बाद वहां पर मौजूद सदस्यों द्वारा महिला की काउंसलिंग और उसकी सेवा की गई। महिला अपने घर के बारे में किसी को बताना नहीं चाहती थी, लेकिन धीरे-धीरे वह आश्रम के सदस्यों से घुलमिल गई। महिला द्वारा जब अपने घर का पता बताया गया तो आश्रम की टीम द्वारा बिहार पुलिस से संपर्क किया गया। बिहार पुलिस से संपर्क किए जाने के बाद महिला का एड्रेस सही पाया गया और उसके बेटे से आश्रम के लोगों ने संपर्क किया। 

मां के बारे में जानकारी मिलने के बाद उनका बेटा भी मां से मिलने को बेताब हो गया। उसके बाद आश्रम के लोगों से संपर्क कर वह अपनी मां को लेने के लिए आया।मां को देखते ही फफक पड़ा बेटा

आश्रम के बताए अनुसार उनका बेटा पटना से आश्रम में अपनी मां से मिलने के लिए आया। आश्रम पहुंचने के बाद जब मां और बेटे का सामना हुआ तो बेटा मां को पकड़कर फफक फफक कर रोने लगा। इस दौरान आश्रम में मौजूद लोग भी भावुक हो गए। उसके बाद लिखा पढ़ी करके बेटा अपनी मां को लेकर अपने घर चला गया।