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यूपी की रामपुर विधानसभा सीट जीतने वाले पहले हिंदू उम्मीदवार कौन हैं? आइए जानिए इनके बारे में,,,।
एजेंसी डेस्क : रामपुर(ब्यूरो),"आज़म ख़ान ने यहां के मुसलमानों को अपना गुलाम समझा, उनके प्यार की कद्र नहीं की, लेकिन आज के पचास साल पुरानी अंधेरी रात को यहां के मुसलमानों ने खत्म कर दिया है. उन्होंने खुद को योगी आदित्यनाथ की सरकार में सुरक्षित समझा है"।
आकाश सक्सेना ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम राजनीति के सबसे बड़े चेहरे आजम ख़ान के गढ़ रामपुर में न सिर्फ सेंधमारी की है बल्कि उसे ढहा दिया है।
जी हां हम बात कर रहे हैंआकाश सक्सेना की जिनको आजाद भारत के इतिहास में पहली बार रामपुर सीट से कोई गैर मुस्लिम और गैर-पठान उम्मीदवार के रूप में चुना गया है।
10 बार रामपुर के विधायक, एक बार के सांसद, उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ कई भारी भरकम विभागों को एक समय संभालने वाले आजम ख़ान की मार्मिक अपीलों को जनता ने इस बार खारिज कर दिया।
यही वजह है कि गुजरात और हिमाचल के चुनाव नतीजों के बीच भी रामपुर के उपचुनाव पर हर किसी की नजरें टिकी थीं. पीएम मोदी तक, नतीजों के बाद दिए अपने भाषण में रामपुर की जीत का जिक्र करना नहीं भूले।
लेकिन इस जीत के नायक आकाश सक्सेना के बारे में हम कितना जानते हैं? वे क्या करते हैं? आजम ख़ान के खिलाफ उनकी लड़ाई कब शुरू हुई? कैसे वे रामपुर में आजम ख़ान के खिलाफ विरोध की आवाज बने? कैसे उन्होंने आजम ख़ान को सलाखों के पीछे भेजा?
इन सब पर बात करने से पहले एक नजर उत्तर प्रदेश में रामपुर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर...।
हेट स्पीच मामले में रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम को तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उन्हें अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ा।
रामपुर विधानसभा सीट खाली होने के बाद उपचुनाव हुआ, जिसमें आजम ख़ान समर्थित समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम राजा को करीब 47 हजार और बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना को करीब 81 हजार वोट मिले।
आकाश सक्सेना राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता शिव बहादुर सक्सेना उत्तर प्रदेश में चार बार विधायक रहे हैं. वे कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री रहे हैं।
रामपुर में आकाश सक्सेना का जन्म 14 नवंबर 1975 को हुआ. उन्होंने पांचवी तक की पढ़ाई शहर में फूटा महल के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से की. उसके बाद दसवीं तक हरि जूनियर हाई स्कूल में रहे. उन्होंने क्लास ग्यारह और बारह सुंदर लाल इंटर कॉलेज से की।
हालांकि इस राजनीतिक बदलाव के असर का पता तो कुछ समय के बाद ही लगेगा कि रामपुर के लोग आकाश सक्सेना के चुने जाने से कितना खुश हैं, और वे स्थानीय लोगों की समस्याओं को कितना दूर कर पाते हैं।