National good governance day
कबाब और झींगा खाने के बेहद शौकीन थे अटल बिहारी वाजपेयी

राष्ट्रीय सुशासन दिवस । भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्हें जानने वाले आज एक राजनेता के तौर पर तो उन्हें याद कर ही रहे हैं, खानपान को लेकर उनका शौक भी उनके करीबी सहयोगियों और पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय है, खास तौर पर मिठाइयों और सी-फूड को लेकर जिसमें झींगा उन्हें खास तौर पर पसंद था.
खाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की दीवानगी का आलम यह था कि एक बार आधिकारिक भोज के दौरान उन्हें गुलाब जामुन से दूर रखने के लिये उनके सहयोगियों को उनका ध्यान वहां से हटाने के लिये बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित को वहां तैनात करना पड़ा.
वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई याद करते हैं कि प्रधानमंत्री रहते वाजपेयी ने एक आधिकारिक भोज के दौरान कैसे सख्त परहेज पर रहने के दौरान भी खाने के काउंटर का रुख कर लिया. इसके बाद उनके सहयोगियों ने एक योजना बनाई. उन्होंने प्रधानमंत्री को फौरन वहां मौजूद दीक्षित से मिलवाया और जल्द ही फिल्मों के बेहद शौकीन वाजपेयी खाने की बात भूलकर काफी देर तक उनसे फिल्मों के बारे में बात करते रहे. किदवई याद करते हुए कहते हैं, ‘‘इस बीच, उनके सहयोगियों ने तेजी से उनकी कतार से मिठाइयां हटा दीं.’’

मसाले के साथ पकौड़े और मसाला चाय पसंद करते थे वाजपेयी
वाजपेयी के साथ काम कर चुके नौकरशाह कहते हैं कि वह जहां कहीं भी जाते थे वहां के स्थानीय पकवान का स्वाद चखने पर जोर देते थे. नौकरशाह ने कहा, ‘‘ऐसे में यह कोलकाता में पुचका था, हैदराबाद में बिरयानी और हलीम और लखनऊ में गलावटी कबाब होते थे. वह खास तौर पर चाट मसाले के साथ पकौड़े और मसाला चाय पसंद करते थे.’’ उनकी करीबी लोग याद करते हैं कि कितने शौक से वह हर खाना खाते थे.
चाहे मिठाई हो या मांसाहारी सब हजम कर जाते थे अटल
एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने प्रेट्र को बताया कि कई मौकों पर उन्हें और उनके साथी पत्रकारों को खुद वाजपेयी जी के हाथों से पकाए पकवान खाने का मौका मिला. उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘वह कम से कम एक व्यंजन हमारे लिये पकाते थे. वह चाहे मिठाई हो या कुछ मांसाहारी.’’ एक करीबी सहयोगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वाजपेयी नमकीन मूंगफली खाते रहते थे और चाहते थे कि जब भी उनकी प्लेट खाली हो, उसे फौरन भर दिया जाए.
