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गोमती नदी के तट पर बने इस एक हजार साल पुराने मंदिर में महिला है मुख्य महंत, इतिहास है निराला,,,।

गोमती नदी के तट पर बने इस एक हजार साल पुराने मंदिर में महिला है मुख्य महंत, इतिहास है निराला,,,।


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एजेंसी डेस्क : (लखनऊ ब्यूरो),।यूपी की राजधानी लखनऊ सबसे पुराने शहरों में से एक है। 

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लखनऊ को नवाबों के शहर के नाम से भीलोग जानते हैंलखनऊ अपने अंदर कई संस्कृतियों, विरासतों को समेटे हुए है।हमेशा से लखनऊ एक बहु सांस्कृतिक शहर रहा है। यहां के लोगों ने शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया।

लखनऊ प्रसिद्ध मंदिरों का घर है। लोगों में धार्मिक प्रवृत्ति की झलक लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिरों में देखने को मिलती है। मंदिरों में सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। इन मंदिरों में हर तीज-त्योहार पर दूर-दूर से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। नए साल पर आप भी लखनऊ के इन प्रसिद्ध मंदिरों में आकर पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं लखनऊ के मशहूर मंदिरों के बारे में।

बंथरा सिकंदरपुर में है श्री वेंकटेश्वर मंदिर,,,,,,,

लखनऊ के बंथरा सिकंदरपुर में श्री वेंकटेश्वर मंदिर है। मंदिर को देखने से आपको लगेगा कि आप दक्षिण भारत में आ पहुंचे हैं। यह मंदिर भगवान बालाजी को समर्पित है, यह भगवान विष्णु का एक रूप है। 27000 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर, देवी पद्मावती, भगवान हनुमान और नवग्रह (नौ ग्रह) की मूर्तियां हैं। 

यह ग्रीष्मकाल में सुबह 6:00 से 11:00 और शाम 5:00 से 8:00 बजे तक खुलता है। शीतकाल में सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुलता है।

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लखनऊ के बहुत प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है चंद्रिका देवी मंदिर,,,,

लखनऊ के खंतवाड़ा में गोमती नदी के तट पर स्थित चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ के बहुत प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है। देवी मां के इस मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है। यहां पर नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ रहती है, इस दौरान घंटों लाइन में लगना पड़ता है। जैसे ही आप यहां पहुंचेंगे सबसे पहले पानी के कुंड के बीच में भगवान शिव की एक बड़ी मूर्ति का दर्शन करेंगे। सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से रात 11:00 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।

मंदिर में होता है बड़ा मंगल के उत्सव का आयोजन,,,,,,,

लखनऊ के अलीगंज इलाके के सेक्टर एल में हनुमान मंदिर स्थित है, इसे बड़ा हनुमान मंदिर के नाम से भी लोग जानते हैं। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। लखनऊ के तीसरे नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी बेगम जनाब-ए-आलिया ने मंदिर की स्थापना की थी। ज्येष्ठ माह में मंदिर में बड़ा मंगल के उत्सव का आयोजन किया जाता है। 

मंगलवार और शनिवार को लगती है भारी भीड़,,,,,,,

राजधानी के बाबूगंज में लखनऊ यूनिवर्सिटी के सामने हनुमान सेतु मंदिर है। इसे लोग संकट मोचन हनुमान मंदिर भी कहते है। 1960 के दशक में उत्तराखंड के कैंचीची के नीम करोली बाबा ने गोमती नदी के तट पर मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर पर भक्तों का अटूट विश्वास है। यहां वैसे तो रोजाना भक्तों की भारी भीड़ लगती है लेकिन हर हफ्ते के मंगलवार और शनिवार को बहुत ज्यादा लोग आते है। सुबह 4:00 से 11:00 और शाम 4:00 से 12:00 बजे तक मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता है।

गोमती नदी के तट पर है 1000 वर्ष पुराना मनकामेश्वर मंदिर,,,,,,,

लखनऊ के हसनगंज के मुकरीम नगर में सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक जगहों में से एकऔर 1000 वर्ष पुराना मनकामेश्वर मंदिर गोमती नदी के तट पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान लक्ष्मण ने उस जगह पर भगवान शिव से प्रार्थना की थी, जिस पर बाद में एक मंदिर का निर्माण कर दिया गया था। मंदिर में भगवान शिव से की गई मनोकामना पूर्ण होती है। 

दिलचस्प बात यह है कि मंदिर के अनुष्ठानों की देखरेख लखनऊ की पहली महिला महंत (मुख्य पुजारी) करती हैं। मंदिर सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 बजे से रात 11:00 बजे तक खुला रहता है।