Headlines
Loading...
सीएम योगी बदलने जा रहे हैं गोरखपुर की सूरत, अयोध्या की तर्ज पर बनने जा रहा है 'राप्ती रिवर फ्रंट', जानें क्या होगी खासियत,,,।

सीएम योगी बदलने जा रहे हैं गोरखपुर की सूरत, अयोध्या की तर्ज पर बनने जा रहा है 'राप्ती रिवर फ्रंट', जानें क्या होगी खासियत,,,।


Published from Blogger Prime Android App

एजेंसी डेस्क : (एनके,यादव),। ब्यूरो,गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ अपने गृह जनपद गोरखपुर को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। 

Published from Blogger Prime Android App

दरअसल अब गोरखपुर में भी श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की तर्ज पर राप्ती नदी पर 'राप्ती रिवर फ्रंट' बनने जा रहा है।गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में सरयू नदी पर बनाया गया 'सरयू रिवर फ्रंट' भारत का सबसे लंबा घाट है। अयोध्या में बने इस सरयू रिवर फ्रंट की लम्बाई जहां छह किलोमीटर है, वहीं गोरखपुर में बनने वाले राप्ती रिवर फ्रंट की लम्बाई तीन किलोमीटर होगी।

यह रिवर फ्रंट गोरखपुर को एक नई पहचान देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशाकेमुताबिक राप्तीनदी के दोनों तरफ तीन किलो मीटर लम्बा लाल पत्थरों से घाट बनाया जाएगा। 

श्रीगोरक्षघाट और श्रीराम घाट से तीन-तीन किलोमीटर लम्बा घाट बनाया जाएगा। श्री गोरक्षघाट से डोमिनगढ़ तक घाट के निर्माण के साथ शहर क्षेत्र को सुरक्षा भी मिलेगी। नगर निगम इसके लिए जल्द ही सलाहकार का चयन करेगा ताकि प्रारंभिक स्तर पर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा सके।

सरकार नदियों में गिरने वाले नालों के आने वाले सीवेज जल को ट्रीट करने के लिए पहले ही एसटीपी निर्माण के लिए परियोजनाओं का शिलान्यास कर चुकी है। 1998 में आई राप्ती नदी में बाढ़ के सर्वाधिक उच्च स्तर को ध्यान में रख घाट का निर्माण कराया जाएगा। इन घाटों पर वाराणसी की तर्ज पर सुबह और शाम को योग एवं संगीत के कार्यक्रम होंगे। राप्ती नदी पर होने वाली संध्या आरती का विस्तार भी होगा। मुख्य अभियंता संजय चौहान ने अधिकारियों के साथ राप्ती तट का निरीक्षण भी किया है।

मिलेंगे पयर्टन विकास एवं रोजगार के नए अवसर,,,,,,,

सरकार के इस कदम से राप्ती नदी पर पयर्टन विकास की योजनाओं को नई उड़ान मिलेगी। इन घाटों पर नौकायन, फूड कोर्ट और अन्य मनोरंजक परियोजनाओं के शुरू होने से रोजगार एवं आय के नए अवसर भी पैदा होंगे।

पर्यावरण संरक्षण में मिलेगा योगदान,,,,,,,

वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल कहती हैं कि राप्ती रिवर फ्रंट के निर्माण से नदी की स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। यहां गंदगी कम होगी। ड्रेजिंग कर नदी की गहराई भी बढ़ाई जाएगी। ताकि यहां सरकार की सी-प्लेन संचालन एवं वाराणसी की तर्ज पर क्रूज आदि के संचालन की योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा सके। गंगा डाल्फिन के संरक्षण एवं संवर्धन में भी मदद मिलेगी।

नगर आयुक्त ने कही ये बात,,,,,,,

इस सम्बंध में नगर आयुक्त, गोरखपुर अविनाश सिंह का कहना है कि राप्ती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट और घाट निर्माण के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव मांगा गया है। नदी के दोनों किनारों पर पक्के घाट का दायरा और बढ़ाया जाएगा। जल्दी ही कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा।