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बाबा के भक्त बहुत जल्द ही हवा मार्ग से पहुंचेंगे विश्वनाथ धाम, रोपवे के प्रोजेक्ट पर जल्द निर्णय,,,।

बाबा के भक्त बहुत जल्द ही हवा मार्ग से पहुंचेंगे विश्वनाथ धाम, रोपवे के प्रोजेक्ट पर जल्द निर्णय,,,।


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एजेंसी डेस्क : वाराणसी (ब्यूरो)। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी बनारस में भक्त बहुत जल्द ही हवा मार्ग से सीधे श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे । 

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वाराणसी में शुरू होने वाली रोपवे परियोजना को विस्तार देने पर मंथन शुरू हो गया है . कैंट स्टेशन से रोपवे के जरिए श्रद्धालु सीधे श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे . हालांकि अभी तक यह दूरी करीब चार किमी की है , लेकिन दूसरे चरण में दिल्ली की तर्ज पर गोदौलिया से मैदागिन और लंका तक रोपवे को ले जाने पर अध्ययन शुरू हो गया है . इसके साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन को भी जोड़ा जाएगा . एक और बदलाव भी होगा . पहले प्रति घंटे 4500 यात्रियों को रोपवे की केबल कार में सफर करना था , लेकिन अब संख्या घटाकर तीन हजार कर दी गई है।

कैंट से गोदौलिया तक तीस पिलर,,,,,,,

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रोप वे को जमीन पर उतरने के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है।

डीएम एस राजलिंगम ने जमीन अधिग्रहण को लेकर अहम बैठक आज की, जिसमें अब जल्द ही रोप वे बनने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल चार किमी की यात्रा इस रोप वे से की जा सकेगी।

इस रूट पर कुल तीस पिलर बनाए जायेंगे. इसमें से पंद्रह पिलर सार्वजनिक भूमि पर और पंद्रह पिलर निजी जमीन पर हैं. वीडीए को जल्द से जल्द निजी भूमि मालिकों से बात कर के अधिग्रहण की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएं जाने के निर्देश दिए गए हैं. अगले हफ्ते से टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जायेगी.

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होटल और लाकर रूम भी होगा,,

कैंट से गोदौलिया तक चार किमी लंबे इस रूट पर कुल पांच स्टेशन होंगे, कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा चौराहा, गिरिजाघर चौराहा और गोदौलिया चौराहा होंगे। कैंट स्टेशन के पास एक मिनी होटल और लाकर रूम भी होगा. विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए आने वाले पर्यटक सबसे ज्यादा इसी रूट से गोदौलिया चौराहे तक जाते हैं।

आगे के लिए खुलेंगे रास्ते,,,,,,,

इस परियोजना के पूरे होने के बाद शहर के अन्य मार्गो पर भी इस तरह के रोप वे बनाए जा सकते हैं. इस परियोजना को नेशनल हाईवे लोजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड पूरा करेगी. शासन की तरफ से कुछ दिनों में इस कार्य से जुड़े टेंडर निकाले जाएंगे।

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अब प्रति घंटे सफर पर तीन हजार यात्री,,,,,,, 

तीन साल में पूरा होने वाला रोपवे प्रोजेक्ट देश का पहला है, जो शहरी परिवहन का हिस्सा होगा, पहले प्रति घंटे 4500 यात्रियों को रोपवे की केबल कार में सफर करना था, लेकिन अब संख्या घटाकर तीन हजार कर दी गई है. रोपवे में 228 केबिन होंगे. हर तीन से चार मिनट के अंतराल पर यह सेवा उपलब्ध रहेगी. एक केबिन में 10 लोग सवार हो सकेंगे. 6.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से 17 मिनट में तय करेंगे. रोपवे से सफर करने वाला यात्री को वायु और ध्वनि प्रदूषण से राहत मिलेगी।

शहर को जाम मुक्त कराने के लिए मंथन चल रहा है. वरुणा कारिडोर को जल्द शुरू कराने की योजना है. साथ ही रोपवे के विस्तार की संभावनाओं पर अध्ययन कराया जाएगा। गोदौलिया से रोपवे रूट को मैदागिन और दूसरी तरफ लंका तक बढ़ाने की योजना पर काम किया जाएगा।

-कौशलराज शर्मा, कमिश्नर