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हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोले- न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए वकीलों का साथ आना जरूरी,,,।

एजेंसी डेस्क: (प्रयागराज ब्यूरो),।इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए वकीलों को भी साथ आना होगा,
क्योंकि अधिवक्ता समाज और सरकार के बीच पुल की तरह काम करते हैं।न्यायालय की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं। वह बरेका स्थित प्रेक्षागृह में रविवार को उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन के दो दिवसीय (24-25 दिसंबर) 46वें अधिवेशन के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार की तरफ से निशुल्क राशन बांटने के एलान की प्रशंसा की। साथ ही सुझाव दिया कि अधिवक्ताओं को देखना चाहिए कि जो पैसा खर्च हो रहा है, उसका सही उपयोग हो रहा है या नहीं। इसमें सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) मददगार साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि बदलाव हर समाज में जरूरी है। कोरोना के बाद स्थिति जिस तरह से सुधरी है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका कर दाताओं की भी है। सामान्य वकीलों को टैक्स के बारे में बहुत जानकारी नहीं होती है, कार्यालय में बैठकर कोई अधिकारी या बाबू किसी भी कानून को लागू नहीं करा सकते हैं।
वे डंडा जरूर चला सकते हैं। हालांकि, उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे नोटिस देने के साथ-साथ करदाताओं की सामान्य समस्याओं को दूर कराएं। टैक्स प्रोफैशनल को भी गाइड करें, क्योंकि टैक्स प्रोफैशनल कोच की तरह होते हैं। उन्होंने कहा कि टैक्स व सेस अलग-अलग जमा कराए जाते हैं।
