एजेंसी डेस्क : धर्म नगरी काशी में अपने आराध्य काशी पुराधिपति के भव्य और नव्य धाम के विस्तारित स्वरूप काशी विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ पर मंगलवार को उत्सव सरीखा नजारा था।
धाम की भव्य सजावट जहां श्रद्धालुओं को भा रही है, वहीं सुगंधित पुष्पों की महक पूरे परिसर में व्याप्त थी।
धाम में सुबह से ही हवन पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हो रहा था, अपरान्ह में मैदागिन चौराहे से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।शोभायात्रा को शहर दक्षिणी के विधायक और प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मैदागिन से निकली शोभा यात्रा दशाश्वमेध डेढसी पुल तक गईं. शोभा यात्रा में मिनी भारत का नजारा दिखा।
शोभायात्रा में काशी के साहित्य कार,वकील,व्यापारी,पत्रकार,चिकित्सकों औरआम जनमानस के साथ आसाम, सोनभद्र, बुंदेलखंड के लोक कलाकार भी इस यात्रा में शामिल हुए।
शोभा यात्रा में लोगों को बरबस ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के वनवास वापसी जैसा महसूस हो रहा था।
शोभायात्रा के स्वागत में लगा कि मानो पूरी काशी ही उमड़ पड़ी हो बारात में शिव के अघोरी स्वरूप, दैत्य, भूत,पिशाच, सभी देवी देवताओं के प्रतीक शामिल रहे।
शोभायात्रा के पूरे मार्ग में असम, सोनभद्र, वृंदावन, पूर्वांचल का पारम्परिक नृत्य, बनारस का मशाने की होली, लड़कियों का डांडिया नृत्य, काली के नौ दिव्य स्वरूपों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।
शोभायात्रा में संयोजक दिलीप सिंह, जगदंबा तुलस्तान, बंदना रघुवंशी, सांड बनारसी, आर के चौधरी, संदीप केशरी, दिलीप सिंह बंटी, अजीत सिंह बग्गा, तुषार केसरी, नीरज केसरी, चांदनी श्रीवास्तव, ममता केसरी आदि शामिल रहे/रही।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पूर्वाह 11 बजे से 11 ब्राह्मणों ने हवन-पूजन किया।
हवन पूजन में वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर कौशलराज शर्मा भी शामिल हुए।
काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम वार्षिकोत्सव पर मंदिर के प्रवेश द्वारों से लेकर परिसर में बैरिकेडिंग, कैनोपी व रेड कार्पेट बिछाई गई थी।