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पेंशन के लिए वाराणसी में रेलवेकर्मियों ने भरी हुंकार, बोले- यह चंद रुपयों की नहीं सम्मान की लड़ाई,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी ब्यूरो),। पेशन चंद रुपयों की नहीं बल्कि हमारे मान सम्मान, अभिमान व संवैधानिक अधिकार की लड़ाई है।
सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को रद करके पुरानी पेंशन योजना लागू करे। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हित में यह जरूरी भी है।यह बात रविवार को बरेका के बारात घर में पेंशन महासम्मेलन में रेल यूनियनों के नेताओं ने कही। डीएलडब्ल्यू रेल मजदूर यूनियन, इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन, फ्रंट अगेंस्ट इन एनपीएस व एनएमओपीएस अटेवा के संयुक्त तत्वावधान में सम्मेलन हुआ।
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम अच्छी है तो नेताओं को भी उसका लाभ लेना चाहिए। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम शुरू कर दी है तो केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए। उन्होंने सरकारी संस्थानों के निजीकरण के दुष्परिणाम भी बताए।इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र श्रीपाल ने नारी शक्ति के योगदान को सराहते हुए इसे सर्वव्यापी बनाने पर जोर दिया। रंजना सिंह ने महिलाओं को सशक्त करने की अपील की। फ्रंट अगेंस्ट इन एनपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा कि शहीद भगत सिंह का जुनून लाकर इस लड़ाई को जीतना ही लक्ष्य है।
इसमें रेल कर्मचारी जोर-शोर से साथ दे रहे हैं। प्रदीप यादव ने आंदोलन की मजबूती पर बल दिया ताकि सरकार पुरानी पेंशन लागू करने को बाध्य हो जाय। अटेवा के प्रदेश महासचिव नीरजपति त्रिपाठी ने गीत से महासम्मेलन को ऊंचाई दी। आईआरइएफ के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने आह्वान किया कि रेलवे का निजीकरण रोकने के लिए तैयार रहना होगा।
सम्मेलन में मनोज पांडेय, अखिलेश पाण्डेय, सुशील सिंह, दीपक कुमार, कौशल किशोर चौरसिया, सरोज कुमार, धीरेंद्र कुमार, हेतराम मीना, शशि समीर, चितरंजन कुमार, अमित कुमार, विक्रम मीना, सुधीर बाबू, प्रदीप चौधरी, हरिनारायण, सुशील कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, मृत्युंजय भास्कर, संजय कुमार, आनंद, सत्येंद्र राय, विनोद यादव, चन्द्रप्रकाश गुप्त आदि ने भी अपने विचार रखे। महासम्मेलन में कैंट, पूर्वोत्तर रेलवे, पीडीडीयू नगर आदि जगहों से आए हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया।