एमपी न्यूज़
'उम्र में बड़ी शिक्षिका ने स्वेच्छा से बनाए शारीरिक संबंध', हाई कोर्ट ने दिए FIR रद्द करने के निर्देश,,,।
एजेंसी डेस्क : एमपी,(ब्यूरो), जबलपुर हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि उम्र में बड़ी शिक्षिका ने स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाए थे।
शिक्षिका और आरोपी दोनों विवाहित थे और दूसरी जाति के थे।हाई कोर्ट जस्टिस सुजय पॉल ने सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा, वर्तमान मामले में यह नहीं माना जा सकता कि शादी का प्रलोभन देने पर शारीरिक संबंध स्थापित किए गए थे। एकलपीठ ने पुलिस को एफआईआर रद्द करने के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि वर्धा निवासी कोनाल हरिश वास्निक की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसके खिलाफ छिंदवाड़ा महिला थाने में एक शिक्षिका की शिकायत पर धारा 376 (2) (N) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता केअनुसार, शिकायत कर्ता महिला से वर्धा में एक वैवाहिक कार्यक्रम में मिला था। इसके बाद दोनों में फेसबुक के माध्यम से चैटिंग शुरू हुई और दोनों एक दूसरे से फोन पर बात भी करने लगे थे।
महिला ने उसे फोन के माध्यम से सूचित किया था कि उसके दादा की तेरहवी का कार्यक्रम 2 जून 2021 को है, जिसमें शामिल होने के लिए उसके दोनों बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य उमरिया जा रहे हैं। महिला की सहमति से वह 31 मई 2021 की रात को उसके घर पहुंचा था और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनाए गए थे। महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि विवाह का प्रलोभन देने के कारण उसने शारीरिक संबंध स्थापित किए थे।
याचिका कर्ता की तरफ सेबताया गया कि शिक्षिका और आरोपी विवाहित हैं, दोनों अलग-अलग जाति के हैं। याचिका कर्ता की उम्र 32 साल है और शिकायत कर्ता महिला उससे पांच साल बड़ी है।
सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए दर्ज एफआईआर और न्यायालय में लंबित मामले को रद्द करने के आदेश पारित किए हैं। बता दें कि सहमति से संबंध की विफलता भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (N) के तहत दुष्कर्म के अपराध के लिए एफआईआर दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता है।