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एमपी, इंदौर : 20 करोड़ में तैयार अन्नपूर्णा मंदिर, 3 फरवरी को होगा मंदिर का लोकार्पण,,,।
एजेंसी डेस्क : (एमपी, ब्यूरो)। इंदौर:20 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र में अन्नपूर्णा मंदिर तैयार हो चुका है।
इसके निर्माण में तीन साल का समय लगा। फिलहाल मंदिर में प्रवेश भक्तों के लिए बंद किया गया है, क्योकि 3 फरवरी को शिखर पर कलश प्रतिष्ठा, ध्वजा रोहण के बाद मंदिर कालोकार्पण किया जाएगा। 31 जनवरी से कार्यक्रम शुरू होगा। शुक्रवार को मंदिर की तैयारियों का जायजा लेने मेयर पुष्य मित्र भार्गव भी पहुंचे और उन्होंने संतों से चर्चा की।
छह दशक पुराने अन्नपूर्णा मंदिर शहर के धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। परिसर में नए मंदिर का निर्माण 6600 वर्गफीट में किया गया है। वर्तमान मंदिर में स्थापित मां अन्नपूर्णा, कालका और सरस्वती की मूतियों की प्रतिष्ठा नए मंदिर में की जाएगी। नए मंदिर की लंबाई 108 फीट और चौड़ाई 54 फीट है। मुख्य कलश की ऊंचाई 81 फीट है। नया मंदिर सफेद मकराना संगमरमर से बनाया गया है और काफी खुबसूरत नजर आ रहा है। नए मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 जनवरी से 3 फरवरी तक मनाया जाएगा। महोत्सव में जूना पीठाधीश स्वामी अवधेशानंदगिरि महाराज के अलावा विभिन्न मठ-मंदिरों और अखाड़ों के प्रमुख जुटेंगे। आयोजन में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। प्रतिष्ठा की विधियों के लिए बनारस और नासिक से विद्वान आ रहे हैै।
लाकडाउन के कारण छह माह तक रुका था निर्माण,,,,,,,
नए मंदिर का भूमिपूजन तीन साल पहले 29 जनवरी को किया गया था, लेकिन कोरोना के बाद लगे लाॅकडाउन में मंदिर का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ। छह माह तक काम बंद रहा, लेकिन लाॅकडाउन खुलने के बादनिर्माण कार्य ने गति पकड़ी और मंदिर तीन साल में पूरा हो गया। महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंदगिरि ने बताया कि 31 जनवरी को मंडप देवता की स्थापना होगी। एक फरवरी को स्थापित देवता पूजन, अगि्न स्थापना, आरती होगी। 2 फरवरी को 108 कलशों द्वारा मूर्ति स्नान होगा। 3 फरवरी को मुख्य आयोजन में शिखर पर कलश प्रतिष्ठा, ध्वजारोहण के बाद शाम 4 बजे से मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम होगा।
आकर्षक द्वार है मंदिर का,,,,,,,
पुराना अन्नपूर्णा मंदिर आर्य और द्रविड़ स्थापत्य शैली में बनाया गया हैै। मंदिर का निर्माण श्री श्री महामंडलेश्वर स्वामी प्रभानंदगिरि महाराज ने वर्ष 1959 में करवाया था। मंदिर का द्वार काफी आकर्षक है। इस तरह के द्वार दक्षिण भारत के मंदिरों में देखने को मिलते है। मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण 1975 में किया गया था। परिसर में मां अन्नपूर्णा, शिव, हनुमान, कालभैरव आदि के मंदिर हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों पर रंगीन पौराणिक आकृतियां बनी है।