एजेंसी डेस्क : (आदित्य केसरी उर्फ मुन्ना),ब्यूरो। संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत 10 जनवरी को रखा जा रहा है।
माघमास की चतुर्थी पर महिलाएं सुख, सौभाग्य, संतान की समृद्धि और परिवार के कल्याण के लिए व्रत रखेंगी। बड़ा गणेश मंदिर, सिद्धिविनायक मंदिर, चिंतामणि गणेश, दुर्ग विनायक सहित सभी गणेश मंदिरों में शृंगार व पूजन अर्चन होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि पद्मपुराण के अनुसार इस व्रत के बारे में भगवान श्री गणेश ने ही माता पार्वती को बताया था। इस व्रत में जल में तिल डालकर स्नान किया जाता है और फलाहार में तिल का ही इस्तेमाल किया जाता है। गणेश जी की पूजा भी तिल से की जाती है, और उन्हें तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। इसे तिल चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यह चतुर्थी व्रत करने से सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूजन के पश्चात कथा श्रवण का विधान है। फिर चंद्रमा का दर्शन पूजन करने के बाद पारण किया जाता है। चंद्रोदय (चंद्र का दर्शन) रात 8.23 के बाद होगा।
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मंगलवार को दिन में 12.10 बजे से बुधवार 11 जनवरी को 2.32 बजे तक रहेगी। चंद्रोदय रात्रि 8.23 बजे होगा। चंद्र उदय के बाद अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है।
बड़ा गणेश मंदिर में दर्शनार्थियों की लंबी कतार,,,,,,,
वाराणसी। लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर में दर्शनार्थियों की लंबी कतार लगेगी। पुजारियों ने बताया कि बड़ा गणेश का लेप और शृंगार होने के बाद सुबह 4.30 बजे से मंदिर का पट खुल गया है। इसके बाद दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया है। जो रात्रि शयन आरती तक चलेगी।
प्राचीन सिद्धिविनायक महाराज का हुआ भव्य शृंगार,,,,,,,
वाराणसी। गढ़वासी टोला स्थित प्राचीन श्री 1005 श्री सिद्धि विनायक महाराज का वार्षिक शृंगार हुआ। पं. गोपाल सुरेलिया और महंत राजेंद्र शर्मा ने केसरी न्यूज़ प्रतिनिधि को बताया कि शाम को संगीतसंध्या भी सजेगी। सुबह आठ बजे से देर शाम तक भक्तजन दर्शन कर पाएंगे।