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पृथ्वी शॉ के 379 रन में है दम, 1948 के बाद पहली बार खेली किसी भारतीय ने ऐसी पारी,,,।

पृथ्वी शॉ के 379 रन में है दम, 1948 के बाद पहली बार खेली किसी भारतीय ने ऐसी पारी,,,।


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एजेंसी खेल डेस्क : हिंदुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुए एक ही साल हुए थे, जब किसी भारतीय ने पहली बार ऐसी इनिंग खेली थी, जैसी 75 साल बाद जाकर अब पृथ्वी शॉ ने खेली है।

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पृथ्वी नेअसम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मेंअपना तिहरा शतक जड़ा वो 379 रन बनाकर आउट हुए। लेकिन इन 379 रनों में दम बहुत है क्योंकि ये पारी बड़े बड़ों पर भारी पड़ी है. बल्लेबाज का नाम भले ही पृथ्वी हो, लेकिन 379 रन बनाकर उसने काम आसमान को छू लेने वाला किया है। पृथ्वी की पारी असम की टीम पर तो भारी पड़ी ही, इसके अलावा इसने कई रिकॉर्ड्स भी लील लिए हैं. वहीं कुछ रिकॉर्ड्स उनके आउट होने से समझ लीजिए बस बाल बाल बच गए।

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पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ 383 गेंदों का सामना करते हुए 379 रन बनाए, जिसमें 49 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। ये उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर का पहला तिहरा शतक रहा. पृथ्वी जिस तरह से खेल रहे थे, उम्मीद यही थी कि वो 400 रन भी बड़ी आसानी से बना लेंगे. लेकिन, इस चाहत को पूरा करने से पहले ही वो रियान पराग का शिकार बन गए।

379 रन पर आउट होकर भी तोड़े रिकॉर्ड,,,,,,,

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पृथ्वी तो आउट हो गए पर उससे पहले कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर गए. वो मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए. वो अब पहले भारतीय बन गए हैं जिसके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तिहरा शतक, लिस्ट ए में दोहरा शतक और T20 में शतक दर्ज है. पृथ्वी ने असम के खिलाफ अपना तिहरा शतक 326 गेंदों में पूरा किया था।

1948 के बाद पृथ्वी शॉ ने खेली ऐसी पारी,,,,,,,

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इन तमाम रिकॉर्डों के अलावा पृथ्वी शॉ रणजी ट्रॉफी में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज भी बने.उन्होंनेयेमुकाम 1991 में संजय मांजरेकर के बनाए 377 रन की पारी को पीछे छोड़ते हुए हासिल किया। रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड महाराष्ट्र के बल्लेबाज बाबूसाहेब निंबालकर के नाम है, जिन्होंने साल 1948 में काठिया वाड़ के खिलाफ खेलते हुए 494 गेंदों पर 443 नाबाद रन बनाए थे. पृथ्वी उस रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर बढ़ तो रहे थे लेकिन ये मुमकिन नहीं हो सका।

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पृथ्वी के 379 रन पर आउट होने के बाद सिर्फ यही रिकॉर्ड नहीं बचा. बल्कि हनीफ मोहम्मद के 499 रन और ब्रायन लारा के 501 रन का रिकॉर्ड भी बच गया. बहरहाल,असम के खिलाफ किए धमाके के बाद एक बार फिर से अगर टीम इंडिया में उनके चुने जाने का मुद्दा गरमाता है तो हैरान मत होइएगा. लेकिन, बड़ा सवाल वही होगा कि क्या टीम मैनेजमेंट उन्हें चुनेगा।