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प्रयागराज : संगम की रेत पर बस गया तंबुओं का अस्थाई शहर, नहीं देखी होगी ऐसी तस्वीर..सुविधाएं देख कर के हो जाएंगे हैरान,,,।

प्रयागराज : संगम की रेत पर बस गया तंबुओं का अस्थाई शहर, नहीं देखी होगी ऐसी तस्वीर..सुविधाएं देख कर के हो जाएंगे हैरान,,,।

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एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो),।माघ मेला 2023: देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन माघ मेले का आगाज़ 6 जनवरी पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ हो चुका है। 

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ऐसे में गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल संगम तट पर एक नया शहर बस चुका हैइस नई बसी छोटी सी नगरी को तंबुओं की नगरी की संज्ञा दी गई है। क़रीब 44 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के लिए एक नया और अनोखा शहर अब पूरी तरह बस गया है। 

इस अस्थाई शहर में वह सभीमूल भूत सुविधाएं होती है जो एक शहर में होती है। शहर तम्बुओ का बना होता है और इसी तंबुओं की नगरी में श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु संत और अधिकारी गण रहते हैं।

आस्था और श्रद्धा का सबसे बड़ा केंद्र,,,,,,,

विश्व में आस्था और श्रद्धा का सबसे बड़ा केंद्र माने जाना वाला माघ मेला अब बस चुका है। धार्मिक महत्त्व के अलावा यह मेला विश्व के प्रमुख सबसे बड़े मेले में से एक होते हैं जहां पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। लगता है मानो एक नया शहर ही बस गया हो, तंबुओं के इस शहर में आपको केवल तंबू ही दिखाई देंगे जहा लोग रहते है, कल्पवास करते है।

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यहां पर विश्व का सबसे बडा़जमा वड़ा होता है, साथ ही त्रिवेणी के संगम में स्नान करने का बहुत बडा महत्व है। तम्बुओ के इस अ स्थाई शहर में आम शहर की तरह पुलिस स्टेशन होतेहैचिकित्सालय होते है,बैंक होते है, फायर स्टेशन, विधुत विभाग,रेलवे स्टेशन, डाक की सेवाए होती है ,खाने पीने की सुविधा होती है कपड़ो की दुकान आदि सभी जीवन से जुडी सभी सुविधाए होती है...इस आस्थाई शहर की खास बात ये है कि एक स्थायी शहर में अस्थाई शहर बसता हैस्थानीय लोगइस संयोग को शुभ मानते हैऔर गौरवान्वित भी महसूस करते है।

माघ मेले में आये श्रद्धालु वैभव सिंह,राजेश केसरी, महेंद्र केसरी, और सुरेश केसरवानी, प्रतापगढ़ सेआए पंडित राजकुमार तिवारी का कहना है,कि ये माघ मेले का बिल्कुल अद्भुत नजारा है। जिस जगह सितम्बर के महीने में मेला क्षेत्र में बाढ़ आयी हुई थी वही आज संगम की रेती में तंबुओं का शहर बसा हुआ।

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6 सैक्टर में विभाजित अस्थाई शहर,,,,,,,

करीब 650 हेक्टर से ज़्यादा क्षेत्र में फैले इस अस्थाई शहर को 6 सैक्टर में विभाजित किया गया है। लोगों को सही ढंग से नियंत्रित करने के लिए मेला प्रशासन ने 13 पुलिस थाने का निर्माणकिया है। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ माघ मेले का समापन होगा। हंडिया से आए श्रद्धालु नितेश केसरी का यह भी कहना है कि हर साल उनको इस भव्य मेले का इंतजार रहता है और अबकी बार कुंभ के रिहर्सल को देखते हुए माघ मेला  दिव्य और भव्य लग रहा है।

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