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राष्ट्रपति,पीएम मोदी,अमित शाह,सीएम योगी सहित कई नेताओं ने गांधी जी के पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि,,,।

राष्ट्रपति,पीएम मोदी,अमित शाह,सीएम योगी सहित कई नेताओं ने गांधी जी के पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि,,,।



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आज 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिवस पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई मंत्रियों द्वारा महात्मा गांधी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पितकीगई। Published from Blogger Prime Android App

वही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।भारत सहित दुनिया के 15 देश अपने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए शहीद दिवस मनाते हैं, और भारत में शहीद दिवस हर साल 30 जनवरी और 23 मार्च को भारत की स्वतंत्रता, गौरव, कल्याण और प्रगति के लिए लड़ने वाले पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। 

30 जनवरी 1948 को की गई थी महात्मा गांधी की हत्या,,,,,,, 

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भारतीय इतिहास में 30 जनवरी के दिन को एक बहुत ही दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है। दरअसल 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

23 मार्च से क्यों अलग है यह शहीद दिवस,,,,,,,

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अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है, और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं। तो आपको बता कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।

कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस,,,,,,,

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हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही सेना के जवान इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में अपने हथियार को नीचे झुकाते हैं। इस मौके पर पूरे देश में महात्मा गांधी समेत अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है। इस दौरान विशेष तौर पर सभी धर्म के लोग प्राथना का भी आयोजन कराते हैं। 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 23 मार्च के दिन ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी। इसीलिए 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।