एजेंसी डेस्क : (प्रयागराज ब्यूरो)।आज माघ मेला के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर सुबह चार बजे से ही प्रयागराज संगम पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
प्रशासन ने माघ मेला के सबसे बड़े अमावस्या स्नान पर्व पर सर्वाधिक भीड़ आने का अनुमान लगाया है। इसे लेकर पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है।प्रयागराज मेला प्राधिकरण की मानें तो आज करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मेला में सुरक्षा, स्वच्छता को लेकर शासन स्तर से कड़े निर्देश जारी हुए हैं।
मौनी अमावस्या को लेकर हाई अलर्ट, सुरक्षा तगड़ी,,,,,,,
मेले की सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है। संदिग्ध व्यक्तियों एवं संदिग्ध वस्तुओं पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। स्नान घाटों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, एडीजी भानु भास्कर, आइजी चंद्रप्रकाश, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, डीएम संजय कुमार खत्री व मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान समेत विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों ने मुख्य स्नान पर्व पर आपस में समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। खासतौर पर पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच तालमेल बेहतर होनी चाहिए।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 14 होल्डिंग एरिया में श्रद्धालुओं को कुछ समय तक रोका जाएगा
भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रबंधन व आपदा प्रबंधन को लेकर रणनीति तय की गई। एक साथ भीड़ बढ़ने पर जंक्शन समेत शहर के अन्य 14 होल्डिंग एरिया में श्रद्धालुओं को कुछ समय तक रोका जाएगा। इस एरिया में भीड़ को अस्थायी रूप से रोकने की व्यवस्था की गई है। अधिक भीड़ के समय जंक्शन के चारों होल्डिंग एरिया को एक्टिव करने तथा रेलवे स्टेशन एवं बस अड्डों पर अनावश्यक भीड़ को जाने से रोकने के लिए मेला क्षेत्र में लगी विभिन्न एलईडी स्क्रीन पर ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई गई।
शहर से लेकर संगम तक कुल 194 मजिस्ट्रेटों की दो पालियों में ड्यूटी,,,,,,,
सभी होल्डिंग एरिया की जिम्मेदारी एडीएम सिटी मदन कुमार को दी गई है। शहर से लेकर संगम तक कुल 194 मजिस्ट्रेटों की दो पालियों में ड्यूटी लगाई गई है। शहर और मेला क्षेत्र को 10 जोन और 50 सेक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में एडीएम रैंक के जोनल अधिकारी और सेक्टरों में एसडीएम रैंक के सेक्टरमजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही 98 सेक्टर आफिसर तैनात किए गए हैं। आइट्रिपलसी स्थित मेला कंट्रोल रूम में स्पेशल नोडल अधिकारी को लगाया गया है। इन अफसरों को शुक्रवार दिन से ही ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं।
सभी यात्रियों की सघन चेकिंग के नििर्देश,,,,,,,
बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की सघन चेकिंग करने को कहा गया है। कोविड गाइडलाइन का पालन कराने को कहा गया। मेले के सभी 17 प्रवेश द्वारों एवं सभी स्नान घाटों पर कोविड हेल्पडेस्क को पूरी तरह से सक्रिय करने को कहा गया। अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि, एसपी मेला राजीव नारायण मिश्रा, अपर मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद एवं विवेक चतुर्वेदी उपस्थित रहे।
आपात काल में ग्रीन कारिडोर, स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर लागू,,,
श्रद्धालुओं के तात्कालिक उपचार के लिए एंबुलेंस एवं निकटतम अस्पताल के चिन्हीकरण के संबंध में सीएमओ को हर परिस्थिति में मेडिकल रेस्पांस टीम तैयार रखने, हर चीज का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाने, आपातकालीन स्थिति में ग्रीन कारिडोर का प्रयोग करने, एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा उन्हें स्ट्रैटेजिक लोकेशन पर खड़े करने के निर्देश दिए गए। ठंड, हार्ट, लंग संबंधित बीमारियों की दवाई अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों व डिस्पेंसरी में उपलब्ध करा दी गई है।
भगदड़ की स्थिति में कंटीजेंसी प्लान तैयार,,,,,,,
भगदड़ के दृष्टिगत एक कंटीजेंसी प्लान तैयार किया गया है, जो सबसे महत्वपूर्ण है। आग की घटनाओं से लोगों को बचाव के लिए 14 फायर स्टेशनों को सक्रिय कर दिया गया है। सीएमओ व मेडिकल कालेज के प्राचार्य को अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड, चिकित्सकों व दवा की व्यवस्था कर ली गई है।
स्नान के बाद डिस्पर्सन प्लान लागू,,,,,,,
एडीजी जोन ने कहा कि मेला में डिस्पर्सन प्लान पुलिस की ओर से लागू कर दिया गया है। इसके तहत स्नान के बाद श्रद्धालुओं को घाट छोड़ने को कहा जाएगा। प्रमुख चौराहों, संगम नोज समेत मुख्य घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लागू होगा। उन्होंने कहा कि पीपे के पुल पर किसी भी दशा में जाम न होने पाए। सभी पांटून पुलों को फिर से चेक करने को कहा। नेटवर्क, लीकेज, चकर्ड प्लेंटे करें दुरुस्त मंडलायुक्त ने कहा कि मोबाइल नेटवर्क, पेयजल की पाइप लाइन से लीकेज व चकर्ड प्लेटों को दुरुस्त कराएं। शौचालयों, मोबाइल शौचालयों तथा सफाई की समुचित व्यवस्था बनी रहे। घाटों पर निरंतर साफ-सफाई, प्रकाश, चेजिंग रूम सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित रहे। नावों में ओवरलोडिंग किसी भी दशा में न हो।