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बाबा विश्वनाथ के धाम में गूंजा जय-जय श्रीराम, ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी का पूजन,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी, ब्यूरो)।बाबा विश्वनाथ का धाम शनिवार को राम के नाम से गुंजायमान हो उठा।
111 भूदेवों ने जैसे ही मानसपाठ आरंभ किया श्री काशी विश्वनाथ धाम राममय हो उठा। माघ शुक्ल सप्तमी पर मां श्रृंगार गौरी की पूजा की परंपरा का निर्वहन हुआ और श्री काशी सत्संग मंडल के 65वें साल श्रीराम चरित मानस नवाह्न पाठ की शुरुआत हो गई।
शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री काशी सत्संग मंडल की ओर से आयोजित65वें वर्ष श्रीरामचरित मानस नवाह्न पारायण ज्ञान महायज्ञ का श्रीगणेश माता श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन के साथ हुआ। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रा नंद सरस्वती महाराज और आचार्य सूर्य लाल मिश्र ने श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन किया।
करीब 15 मिनट की विधिवत पूजा के दौरान श्रृंगार गौरी के प्राचीन विग्रहों को सिंदूर-चंदन लगाया गया। मंत्र पढ़े गए। इसके बाद माता को आरती भोग मिष्ठान चढ़ाया गया। इसके बाद नंदी का दर्शन पूजन और भोग आरती हुई। मंदिर परिसर की परिक्रमा के बाद रामकथा आरंभ हुई। इधर,राष्ट्रपति के मुख्यसुरक्षा अधिकारी ए.पी.सिंह ने विश्व शांति के लिए अनवरत महायज्ञ का भी शुभारंभ किया।
इस दौरान एसपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी, एडवोकेट देवेंद्र कुमार पाठक आदि मौजूद रहे।
स्वामी प्रसाद मौर्य का नहीं है कोई ईमान-धर्म,,,,,,,
श्रृंगार गौरी की पूजा के पूर्व बातचीत के दौरान अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने श्रीरामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथ लिया। कहा कि ऐसे लोगों का कोई ईमान-धर्म नहीं होता।
एक बनारसी कहावत है कोढ़िया डेरवावे देहिया पर थूक देब... ऐसे डराने और थूकने वालों से फर्क नहीं पड़ता। जो खुद का विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकता, उसे हम नेता कैसे मानें। कल तक वह योगी आदित्यनाथ के चरणों में थे। उसके बाद अखिलेश यादव के पास गए और इसके पहले वह मायावती के कृपापात्र थे।