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गोरखपुर: दसवीं पास झोलाछाप चला रहा था अवैध अस्‍पताल, महिला की मौत के बाद गिरफ्तार, अस्‍पताल सीज,,,।

गोरखपुर: दसवीं पास झोलाछाप चला रहा था अवैध अस्‍पताल, महिला की मौत के बाद गिरफ्तार, अस्‍पताल सीज,,,।


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एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो,रिपोर्ट),।यूपी के गोरखपुर में दसवीं पास झोलाछाप अस्‍पताल चला रहा था।

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चार दिन पूर्व इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत के बाद अस्‍पताल अवैध रूप से तैयार किए गए दस्‍तावेज के आधार पर संचालित करने की बात प्रकाश में आई.पुलिस नेआरोपीसंचालक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम ने जांच के बाद अवैध रूप से चल रहे अस्‍पताल को सीज कर दिया। पुलिस की जांच में ये बात भी सामने आई हैं कि, अस्‍पताल को इसके पहले भी स्‍वास्‍थ्‍य विभाग सील कर चुका है। दो बार नाम बदलकर अवैध रूप से चल रहे अस्‍पताल को सीज करने के बाद मालिक के बेटे ने वहीं पर दूसरे नाम और जिले के बाहर के चिकित्‍सक के नाम से अवैध रूप से अस्‍पताल को संचालित कर रखा था। 

गोरखपुर के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने पुलिस लाइन्‍स के व्‍हाइट हाउस सभागार में मीडिया प्रेस वार्ता में घटना का खुलासा किया इस दौरान उन्‍होंने बताया कि गुलरिहा थानाक्षेत्र के जैनपुर गांव के गाजीपुर के रहने वाले रामधवन की गर्भवती पत्‍नी सोनावत के पेट में दर्द होने पर 3 जनवरी की शाम 4 बजे भटहट-बांसस्‍थान रोड स्थित सत्‍यम हास्पिलट मे परिजन लेकर गए। यहां पर झोलाछाप चिकित्‍सक रंजीत निषाद ने एक दाई के साथ मिलकर उसका इलाज किया, 4 जनवरी की भोर में रक्‍तस्राव अधिक होने की दशा में महिला सोनावत की मौत हो गई। महिला के परिजनों की ओर से अस्‍पताल के संचालक के ऊपर इलाज में लापरवाही का एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया, और शव का पोस्‍टमार्टम कराया गया।

एसएसपी ने बताया कि इस घटना के लिए एसपी नार्थ, सीओ चौरीचौरा और एसएचओ. गुलरिहा की एक टीम बनाई गई। जांच के दौरान ये बात प्रकाश में आई कि सत्‍यम हास्पिटल के नाम से एक प्राइवेट अस्‍पताल स‍ंचालित किया जा रहा था। जिसमें इलाज मालिक के बेटे रंजीत निषाद और एक अनट्रेंड दाई के द्वारा इलाज किया गया, इसकी वजह से उस महिला की मौत हो गई। जांच के क्रम में हिरासत में लेकर जब गुलरिहा थानाक्षेत्र के सत्‍यनगर टोला के जैनुलआबदीन उर्फ जैनपुर टोला के रहने वाले सुभाष निषाद के पु्त्र रंजीत निषाद से पूछताछ की गई तो ये तथ्‍य प्रकाश में आया कि पूर्व में यह अस्‍पताल चिराग और प्रियांशु अस्‍पताल के नामों से भी संचालित हो रहा था, पूर्व में भी इसे सील किया गया था। सत्‍यम अस्‍पताल के नाम से एक चिकित्‍सक के नाम से इसका पंजीकरण कराया गया था। उन्‍होंने बताया कि वो चिकित्‍सक भी जनपद में मौजूद नहीं हैं। उनके द्वारा चिकित्‍सालय में कोई इलाज नहीं किया गया है।

एसएसपी के मुताबिक ये भी जानकारी हुई कि इस अस्‍पताल में नवीनीकरण और पंजीकरण में मालिक और संचालक ने दलालों का भी सहयोग लिया है। 

इस घटना को गंभीर मानते हुए आईपीसी की धारा 304, 419, 420 और इंडियन मेडिकल एक्‍ट की विभिन्‍न धाराओं के अधीन पंजीकृत किया गया है। रंजीत निषाद को गिरफ्तार कर लिया गया है, इसमें शामिल अन्‍य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है, ये घटनाक्रम काफी गंभीर है। 

ऐसे अस्‍पताल जहां पर अवैध तरीके से गैर चिकित्‍सकों के द्वारा इलाज किया जाता है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विवेचक के माध्‍यम से जिस चिकित्‍सक के नाम से पंजीकरण और इलाज में जिन चिकित्‍सकों का नाम आया है, उन्‍हें भी नोटिस जारी किया गया है।

ये भी जांच की जा रही है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और जांच के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया है। इस तरीके से अवैध रूप से चल रहे अवैध अस्‍पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा गया है आईएमए गोरखपुर को पत्र लिखकर चिकित्‍सकों को जागरूक करने के लिएपत्रलिखा जा रहा है। एम्‍स के डायरेक्‍टर, बीआरडी के चिकित्‍सकों को भी ऐसे अवैध अस्‍पतालों के प्रति जागरूक करने के लिए लिखा जा रहा है।

सीएमओ ऑफिस के माध्‍यम से डायग्‍नोस्टिक सेंटर व अस्‍पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। गैंग के तहत संगठित रूप से अवैध संचालन करने वालों के खिलाफ गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।