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अब वाराणसी के गांवों में भी रुक सकेंगे सैलानी, घरों को होमस्टे के रूप में कर सकेंगे विकसित,,,।
एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो),। अब वाराणसी के गांवों में न सिर्फ लोगों को रहने की सुविधामिलेगी बल्कि इससे वहां की संस्कृति और खानपान से पर्यटक रूबरू हो पाएंगे।
नीति में बदलाव से अब शहर के बाहर लोग अपने घर को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकेंगे। काशी में पर्यटकों की संख्या में हाल के कुछ समय से बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।खासकर श्रीकाशी विश्वनाथधाम के बनने के बाद से पर्यटकों को ठहरने आदि के लिए दिक्कत होती है। कारण भीड़ बढ़ने से होटल, लाज आदि में जगह नहीं रह जाते तो पर्यटकों को यहां-वहां भटकना पड़ता है। ऐसे में आवास एवं शहरीमंत्रालय द्वारा बदले गए पर्यटन नीति में शहर के बाहर भी लोग अपने घरों को ठहरने के लिए होटल या गेस्ट हाउस का स्वरूप दे सकते हैं।
लोगों का मानना है कि बढ़ रही भीड़ के बीच नई पर्यटन नीति के बाद बदलावों से बड़ी सहूलियत मिलेगी। लोगों को न सिर्फ ऐसा करने के लिए प्रेरित कियाजाएगा बल्कि उनको अपने घर को होम स्टे की सुविधा में ढालने के लिए सुविधाएं भी दी जाएंगी। माना जा रहा है कि पर्यटक अगर गांव में रुकते है तो वहा सुविधाओं और अवस्थापना के विकास के लिए भी सरकार बढ़-चढ़कर काम करेगी।
आया है बदलाव,,,,,,,
कोरोना के कारण पर्यटन उद्योग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। तब उद्यमी पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने से हिचक रहे थे। होटल एसोसिएशन, पर्यटन उद्योग के निवेशकों के से मिले फीडबैक पर इसमें संशोधन किया गया है। इससे बड़ा बदलाव आया है। पर्यटन विभाग की उप निदेशक प्रीती श्रीवास्तव ने कहा कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर है। जो लोग चाहें वह प्रक्रिया पूरी कर घरों को होटल या लाज के रूप में बदल सकते हैं।