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कांग्रेस नेता संजू की हत्या: चंदौली के घी कारोबारी ने खोला हत्याकांड का राज, बोला- एक लाख में तय हुआ था सौदा,,,।

कांग्रेस नेता संजू की हत्या: चंदौली के घी कारोबारी ने खोला हत्याकांड का राज, बोला- एक लाख में तय हुआ था सौदा,,,।



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एजेंसी डेस्क : ब्यूरो,छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बीच सड़क कांग्रेसी नेता संजू त्रिपाठी की नृशंस हत्या में चंदौली के घी करोबारी प्रसीन केशरी शामिल था। 

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प्रसीन केशरी ने ही कांग्रेस नेता संजू की गाड़ी के आगे अपनी कार अड़ाकर रोकी थी।जिसके बाद उसके साथियों ने गोली मारकर संजू की हत्या कर दी थी। मात्र एक लाख रुपये के लिए इस वारदात को अंजाम दिया गया। 

सोमवार को बिलासपुर पुलिस ने मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के राममंदिर वार्ड निवासी घी कारोबारी प्रसीन केसरी को मीडिया के सामने पेश किया। बिलासपुर एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश उसके भाई कपिल त्रिपाठी ने रची थी। उसने उत्तरप्रदेश के शूटर्स को हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस की जांच में शूटर्स की पहचान हो गई। 

उत्तरप्रदेश के चंदौली जिले के मुगलसराय में रहने वाले प्रसीन केशरी पिता प्रमोद केशरी (27) को गोरखपुर से लखनऊ एटीएस के माध्यम से पुलिस ने पकड़ा। प्रसीन ने पूछताछ में बताया कि पांच-छह महीने पहले बनारस निवासी विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी उर्फ वासू से मुलाकात हुई थी। तब वासू ने कहा था कि बिलासपुर जाकर एक काम करना है। काम के एवज में एक लाख रुपए मिलेगा। वह पैसों की लालच में आकर 9 दिसंबर को वासू के साथ बनारस से बस से बिलासपुर पहुंचा।

संजू त्रिपाठी के भाई के घर बनी थी हत्या की साजिशप्रसीन ने पुलिस को बताया कि बिलासपुर में प्रेम श्रीवास उन्हें लेने के लिए बस स्टैंड आया। जहां से उन्हें संजू के भाई कपिल त्रिपाठी के घर ले गया। वहां दानिश अंसारी और बनारस निवासी एजाज अंसारी उर्फ सोनू पहले से ही थे। 11 दिसंबर को बनारस निवासी पप्पू उर्फ दाढ़ी नाम का व्यक्ति भी कपिल त्रिपाठी के घर पहुंचा। फिर रात करीब आठ बजे कपिल त्रिपाठी के साथ उनकी मीटिंग हुई। इस दौरान उसने अपने भाई कपिल त्रिपाठी की हत्या करने की जानकारी दी।

दिनदहाड़े हत्याकांड की पुरानी कहानी,,,,,,,

बिलासपुर एसएसपी पारूल माथुर ने बताया कि पूछताछ में प्रसीन केशरी ने हत्या का पूरा राज खोल दिया। बताया कि कपिल त्रिपाठी ने अपने पास तीन पिस्टल और करीब 20 कारतूस रखे थे। इसी दौरान तय किया गया कि 14 दिसंबर को संजू को मारना है। सभी 14 दिसंबर को कपिल के फार्म हाउस में बैठे थे। तभी दोपहर तीन बजे कपिल त्रिपाठी के पास फोन आया।

फोन करने वाले ने उसे बताया कि संजू अपने फार्म हाउस से 3.30 बजे निकलेगा। इसके बाद सभी लोग अलग-अलग चार गाड़ी में सवार होकर कपिल त्रिपाठी के फार्म हाउस से सकरी बाईपास के लिए निकल गए। प्रसीन केसरी सफेद रंग की कार में सवार था। उसके साथ भरत तिवारी, आशीष तिवारी, राजेंद्र ठाकुर बैठे थे। नीले रंग की एक कार को विनय द्विवेदी उर्फ वासू चला रहा था।

उसके साथ शूटर्स दानिश, पप्पू दाढ़ी एजाज उर्फ सोनू कट्टा कारतूस से लैस होकर लेकर बैठे थे। सभी लोग सकरी बाईपास जाकर संजू त्रिपाठी के इंतजार में थे। तभी दानिश के पास फोन आया कि संजू त्रिपाठी की गाड़ी एमजी हैक्टर सफेद रंग की है जिसमें लाल रंग का बोर्ड लगा है।

करीब 04.10 बजे लाल रंग का बोर्ड लगा सफेद रंग की एमजी हेक्टर गाड़ी आई तो योजना के मुताबिक प्रसीन ने अपनी कार को स्पीड ब्रेकर के आगे एमजी हेक्टर से टिकाकर अड़ा दिया। इतने में नीले रंग की कार में सवार पप्पू दाढ़ी, दानिश, एजाज उर्फ सोनू और वासू उतर कर आए और संजू की गाड़ी को घेर लिए।

गाड़ी के दाहिने की ओर से ड्राइवर सीट पर बैठे संजू पर दानिश अंसारी ने पहली गोली चलाई। इसके बाद एजाज उर्फ सोनू और बाईं तरफ से पप्पू दाढ़ी और वासू संजू त्रिपाठी पर फायरिंग करने लगे। संजू त्रिपाठी को गोली मारने के बाद फिरसभी अलग-अलग गाड़ी में बैठकर उत्तर प्रदेश की ओर भाग गए।