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कहीं PM को लौटाया तो कहीं विदेशियों को. वो भारतीय मंदिर जहां गैर-हिन्दुओं को नहीं मिलती एंट्री,,,देखे,फोटो में,,,।
एजेंसी खोज डेस्क : दक्षिण के मंदिरों में सख्त नियमों के कारण कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
साउथ की फेमस एक्ट्रेस अमाला पॉल केरल के एर्नाकुलम के थिरुवैरनिकुलम हिंदू मंदिर में महादेव के दर्शन के लिए पहुंचीं थी, लेकिन उन्हें दर्शन की अनुमति नहीं मिली.इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। अमाला ने इसे निराशाजनक बताते हुए मंदिर के विजिटर रजिस्टर में अपने साथ हुई इस घटना का जिक्र किया है। जानिए देश के वो मंदिर जहां गैर-हिन्दुओं को एंट्री नहीं मिलती।
गुरुवायुर मन्दिर, केरल,,,,,,,
केरल के त्रिशूर में बना यह मंदिर पांच हजार साल पुराना है. यहां सिर्फ हिन्दुओं को प्रवेश दिया जाता है. गैर-हिन्दुओं को एंट्री नहीं मिलती. भगवान गुरुवायुरप्पन मंदिर में इष्टदेव हैं, जिन्हें कृष्ण का बाल रूप कहा जाता है. इस जगह को भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु का निवास माना जाता है. यही वजह है कि इसके दक्षिण के बैकुंठ नाम से भी जाना जाता है।
जगन्नाथ मंदिर, पुरी,,,,,,,
ओडिशा का यह मंदिर भगवान विष्णु के 8वें अवतार को समर्पित है. यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजे हुए हैं। मंदिर पहुंचते ही यह अलग-अलग जगहों पर पट्टियां लगी हुई हैं जिसपर साफतौर पर लिखा हुआ है कि यहां केवल हिन्दुओं को ही भीतर जाने की अनुमति है। जिन हिन्दुओं का सम्बंध गैर-हिन्दुओं से है वो भी यहां प्रवेश न करें। 1984 में जब यहां देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां दर्शन के लिए पहुंची थीं तो उन्हें भी दर्शन की अनुमति नहीं मिली थी।
कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई,,,,,,,
सातवीं शताब्दी में बना यह मंदिर द्रविड़ सभ्यता से सम्बंध रखता है। तमिलनाडु का मलयापुर में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां की मान्यता है कि इसका नाम शिव जी के नाम पर रखा गया है। गैर-हिन्दुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसके अलावा विदेशी पर्यटकों को भी यहां एंट्री करने की मनाही है। इस नियम का पालन सख्ती के साथ किया जाता है।
दिलवाड़ा मंदिर, माउंट आबू,,,,,,,
दिलवाड़ा मंदिर जैन धर्म को समर्पित है।राजस्थान के सिरोली जिले का दिलवाड़ा मंदिर जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, 11वीं और 13वीं शताब्दी के मध्य बना यह मंदिर उन पांच जैन धर्म के मंदिरों में गिना जाता है जो अपनी वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं. यह जगह पर्यटन स्थल होने के कारण एक प्रसिद्ध तीर्थस्थान भी है, लेकिन यहां पर फोटोग्राफी वर्जित होने के साथ गैर-हिंदुओं की एंट्री पर मनाही है.
काशी विश्वनाथ मंदिर, ,,,,,,,
यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर में भी गैर-हिंदुओं को जाने से रोका जाता है हालांकि कई बार विदेशी गैर-हिंदूओं को दर्शन की अनुमति दी गई है लेकिन यहां के उत्तरी दिशा में बने ज्ञान कुपोर कुएं के आस-पास गैर-हिंदूओं को जाने की अनुमति नहीं है. इस स्थान को विशेष पवित्र क्षेत्र में माना जाता है जहां केवल हिंदुओं को आने की इजाजत है।
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर,,,,,,,
उड़ीसा की राजधानी में बने इस मंदिर में रोजाना 6 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। केवल हिन्दुओं को ही अंदर जाने की अनुमति है. पहले यहां पश्चिमी देशों के लोग भी दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन 2012 में एक विदेशी पर्यटक ने मंदिर के कर्म-कांड में दिक्कत पैदा की थी, इसके बाद से में अड़चन पैदा की थी इसके बाद मंदिर के ट्रस्ट बोर्ड ने गैर-हिंदुओं के मंदिर परिसर में एंट्री पर रोक लगा दी।