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कोलकाता न्यूज
'भारत को महान बनाने का नेताजी का सपना अधूरा...' RSS प्रमुख ने कोलकाता में कुछ यूं किया याद,,,।
एजेंसी डेस्क : कोलकाता. पूरा देश आज स्वतंत्रता संग्राम के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है।
आज के दिन को पराक्रम दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है। इस मौके पर पश्चिम बंगाल में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम कोलकाता के शहीद मैदान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होने यहां पहुंचे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नेताजी को अगर समर्थन मिला होता तो भारत को स्वतंत्रता पहले मिल गई होती।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है। नेताजी के सपने अभी पूरे नहीं हुए हैं। हमें मिलकर इसे पूरा करना होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हमारे पूर्वजों के दिखाए हुए रास्तों को अपनाकर हम इस विश्व में शांति और भाई चारा फैला सकते हैं। भारत की समस्या का समाधान ही विश्व की समस्या का समाधान है। उन्होंने कहा कि हमरा वैभव सिर्फ भौतिकता नहीं, संपूर्ण विश्व में समता और शांति लाना ही हमारा उद्देश्य है, भारत सारी दुनिया को धर्म देता है, रिलिजन नहीं।
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद हम व्यक्तिगत उन्नति की बात करने लगे हैं और देश ठीक से चले ये नहीं सोचते है. हम आपस में लड़ें ये सारी संकुचित मानसिकता हमें छोड़ देनी चाहिए. रोज हम कहते हैं नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे। इसका मतलब होता है देश पहले है, बाद में भगवान। उन्होंने कहा कि लोग हमसे पूछते हैं संघ बद्ध क्या है? लोग कहते है आप ये हाथ ऊपर नीचे क्या करते हैं, कुछ नया कीजिए! हम कहते हैं यही तो करना है, मनुष्य का निर्माण ही तो करना है.उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमको और समाज को ही ऐसा करना है, हमें कोई चुनाव नहीं जीतना है, हमें कोई लोकप्रियता नही चाहिए, ये नेताजी कहते थे और हम करते हैं. मालूम हो कि इस कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में कार्यक्रम की शुरुआत संघ की प्रार्थना से हुई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस और संघ के संस्थापक डॉ.केशव राम बलिराम हेडगेवार की मुलाकात का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि 1928 में कांग्रेस के अधिवेशन (कलकत्ता) में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ डॉक्टर जी भी शामिल हुए थे, और दोनों के बीच भारत के भविष्य पर चर्चा हुई थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि भारत पृथ्वी का छोटा रूप है। जिस तरह की समस्याएं पूरी दुनिया में हैं उस तरह की समस्याएं अकेले भारत में हैं। अतः भारत की समस्याओं का निदान ही पूरे विश्व की समस्याओं का निदान है। नेताजी बार-बार कहते थे कि राष्ट्र को छोड़कर व्यक्तित्व के विकास का कोई अस्तित्व नहीं है।
संघ और अनुषांगिक संगठनों से मतभेद रखने वालों को भी महत्वपूर्ण संदेश देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जब देश में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब कई विचारधारा के लोग थे। सबके रास्ते अलग-अलग थे लेकिन गंतव्य एक था। देश की स्वाधीनता। हमने इसे हासिल तो किया लेकिन जिस वैभवशाली भारत के निर्माण का सपना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देखा उसी को लेकर संघ आगे बढ़ रहा है। नेताजी चाहते थे कि व्यक्ति निर्माण कर समाज को सशक्त बनाया जाए और संघ वही कर रहा है। संघ मनुष्य निर्माण करता है।
हमें कोई चुनाव नहीं जीतना,,,,,,,
एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का कोई स्वार्थ नहीं है। हमें कोई चुनाव नहीं जीतना है। हमारा एक ही मकसद है- तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहेंनरहें,हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की जरूरत जब पड़ी तब हंसते-हंसते अपना बलिदान दे दिया। आज हम स्वाधीन हैं। हमें बलिदान नहीं होना है लेकिन पल पल हर क्षण देश के लिए जीना पड़ेगा। हमें स्वाधीनता मिल गई लेकिन ऐतिहासिक चिंतन के अनुसार स्वतंत्र भारत का नया रूप गढ़ना है। इसीलिए प्रतिवर्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें स्मरण करते हैं और उन्हीं के सपनों के भारत के निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण का काम कर रहे हैं।
संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने कहा कि भारत जिनके त्याग और तपस्या पर खड़ा है उन्हें कृतज्ञता पूर्वक याद करना हम सब का कर्तव्य है। नेताजी ने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। उनका हर कार्य पूर्ण समर्पण के साथ देश को समर्पित था और इसी तरह के मानव निर्माण के जरिए वैभवशाली भारत गढ़ने के लक्ष्य के साथ हमें काम करना होगा।
(जय हिंद जय भारत) ,,,,भारत माता की जय,,,,