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'काशी शब्दोत्सव' में आएंगे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मनोज मुंतशिर, 10 से 12 फरवरी तक आयोजन,,,।

'काशी शब्दोत्सव' में आएंगे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मनोज मुंतशिर, 10 से 12 फरवरी तक आयोजन,,,।



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एजेंसी डेस्क : (वाराणसी, ब्यूरो)।धर्म, कला और संस्कृति की नगरी वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय काशी शब्दोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। 

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इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान, धर्म, संस्कृति और परंपरा की प्रासंगिकता को स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में समझना है। विश्व संवाद केंद्र (काशी प्रांत) के तत्वावधान में रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 10 से 12 फरवरी तक काशी शब्दोत्सव का आयोजन होगा। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, प्रख्यात गीतकार व वक्ता मनोज मुंतशिर, चाणक्य धारावाहिक के विख्यात प्रस्तोता डा.चंद्रप्रकाश द्विवेदी समेत कई दिग्गज हस्तियां कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र) के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोज कांत ने प्रेस वार्ता में कहा कि काशीशब्दोत्सव काशी की परंपरा का आयोजन है। काशीवासियों का आयोजन है। यह ज्ञान और भक्ति पद्धतियों का आयोजन है। बताया कि यह आयोजन वैचारिक चिंतन-मंथन के माध्यम से देश और दुनिया के बौद्धिक समाज को अमृत प्रदान करने वाला होगा।

काशी शब्दोत्सव के माध्यम से हम देश-विदेश के लेखकों, विचारकों को इस आयोजन में लाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रयास होगा कि काशी शब्दोत्सव में सभी भाषा-भाषी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो। काशी के विद्वानों के साथ-साथ देश के नागरिकों में भारतीय ज्ञान परंपरा में रुचि रखने वाले लोग काशी शब्दोत्सव आयोजन के साक्षी बनेंगे।

भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन के बैठक के मद्देनजर हम वसुधैव कुटुंबकम को ध्यान में रख कूटनीतिक संवाद का विषय बना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यह सारा संवाद सकारात्मक एवं रचनात्मक दृष्टि उत्पन्न करने वाला बने। जिससे भारतीय समाज और विश्व को हमारे मूल तत्वज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान का बोध कराया जा सके। काशी शब्दोत्सव में देश के शब्दधर्मी,उत्सवधर्मी लोकप्रिय एवं सम्मानित हस्तियों की उपस्थिति होगी। 

तीन दिन तक पुस्तक मेला काशी शब्दोत्सव में शास्त्र और लोक, पुरातन और अद्यतन, परंपरा और विज्ञान, योग और अध्यात्म का समन्वय होगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली की ओर से पुस्तक मेला भी आयोजित होगा। 

वाराणसी एवं आसपास जनपदों के शैक्षिक परिसरों के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापक अध्यापिकाओं को जोड़ने का निरंतर प्रयास चल रहा।