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क्या आप जानते हैं ? नहीं ना,तो अब मिल गया पाताललोक का रास्ता, जानिये कैसी है धरती में 100 मील नीचे की दुनिया?तुर्की में आए भूकंप के बाद,,,।

क्या आप जानते हैं ? नहीं ना,तो अब मिल गया पाताललोक का रास्ता, जानिये कैसी है धरती में 100 मील नीचे की दुनिया?तुर्की में आए भूकंप के बाद,,,।



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एजेंसी खोज डेस्क : धरती के नीचे क्या है? आखिर धरती किस चीज़ पर टिकी है? दुनिया में ये सवाल संभवत: तब से है जबसे धरती पर इंसान पैदा हुआ होगा। 

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धरती को लेकर धर्म, पुराण और मिथक में भी तमाम कहानियां कही, सुनी जाती रही हैं। उन कहानियों का सचाई से कितना वास्ता है, ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन विज्ञान की दुनिया में धरती को लेकर कई किस्म के अनुसंधान हुए हैं और हो रहे हैं।

कोई कहता है, धरती के नीचे एक अलग दुनिया बसती है, जिसे पाताललोक कहा जाता है, धरती के नीचे की दुनिया के बारे में पता लगाने के लिए कई बार खुदाई भी की गई, लेकिन रहस्यों से भरे पाताललोक एक ऐसी दुनिया है, जिसे अब तक किसी ने देखा तो नहीं लेकिन अब वैज्ञानिकों ने धरती के नीचे की दुनिया के बारे में पता लगाने के लिए दिन रात एक कर दिया है।

धरती के नीचे मिली चट्टानी परत,

वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके धरती की सतह से 100 मील नीचे पृथ्वी की नई परत का पता लगाया है वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के नीचे एक ऐसी परत है, जो पिघली हुई चट्टानों जैसी है। यह चट्टानी इलाका हमारे प्लानेट के कम से कम 44 फीसदी हिस्से को कवर करता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक पिघली हुई चट्टान का यह एक अज्ञात क्षेत्र है, जिसे एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere) कहा जाता है, जो ऊपरी मेंटल में टेक्टोनिक प्लेटों के नीचे स्थित है।

रिसर्च को मिली नई रोशनी,,,,,,,

टेक्सास विश्वविद्यालय (University of Texas) के वैज्ञानिक जुनलिन हुआ (Junlin Hua) ने पृथ्वी के 100 मील नीचे मिली परत के बारे में कहा है कि यह पिघली हुई चट्टान संभवत: चिपचिपाहट जैसे पदार्थ से युक्त है। उनका ये भी कहना है कि ये खोज आगे की दिशा में होने वाले अनुसंधानों की नई राह खोल सकता है।

टेक्सास विश्वविद्यालय ऑस्टिन के शोधकर्ताओं ने नई खोज को काफी अहम बताया है वैज्ञानिकों के दल के सह-लेखक थॉर्स्टन बेकर ने कहा है कि पिघलती हुई चट्टानों के अध्ययन से बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है। खास तौर पर धरती के भीतर कहां क्या चल रहा है और क्या होने वाला है, इसका अध्ययन भी किया जा सकता है।

तुर्कीभूकंप के अध्ययन के दौरान खुलासा,,,,,,,

वैज्ञानिकों का कहना है कि वास्तव में हाल में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद दिखी वहां की धरती की छवियों के अध्ययन करते समय पृथ्वी के आंतरिक भाग का भी अध्ययन करने का विचार आया,और इसी दौरान धरती के नीचे एक नई परत का पता चला।

भूकम्पविज्ञानी और ब्राउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर करेन फिशर का कहना है कि ‘यह काम बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि एस्थेनोस्फीयर के गुणों और इसके कमजोर होने की वजह को समझना प्लेट टेक्टोनिक्स को समझने जैसा है।

नई खोज की अहमियत,,,,,,,

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही वैज्ञानिकों ने घोषणा की थी कि पृथ्वी के आंतरिक कोर का घूमना अब धीमा हो रहा है। उस खोज के बाद धरती के नीचे की नई परत की खोज को काफी अहम बताया जा रहा है।

चीन में पेकिंग विश्वविद्यालय की एक टीम ने ये भी खुलासा किया था कि हमारे ग्रह के आंतरिक कोर की घूर्णन गति में बदलाव के कारण पृथ्वी पर दिन की लंबाई बढ़ सकती है।