Headlines
Loading...
महाशिवरात्रि 2023 : यहां स्थित है एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, पत्थरों से आती है डमरू जैसी आवाज,,,।

महाशिवरात्रि 2023 : यहां स्थित है एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, पत्थरों से आती है डमरू जैसी आवाज,,,।



Published from Blogger Prime Android App

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर लोग शिव मंदिरों और शिवालयों में दर्शन के लिए जाते हैं। भारत में कई ऐसे शिव मंदिर हैं, जिनका इतिहास काफी गहरा है। 

Published from Blogger Prime Android App

इन मंदिरों से पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों में जाने से हर मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में महाकाल के दर्शन के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर का नाम है जटोली शिव मंदिर और ये हिमाचल में स्थित है।

भगवान शिव का ये मंदिर अपने चमत्कारों के साथ-साथ अपनी शक्तियों के लिए भी काफी फेमस है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में लगे पत्थरों को थपथपाने पर डमरू जैसी आवाज आती है। आइए अब देर ना करते हुए आपको हिमाचल में स्थित इस शिव मंदिर के बारे में बताते हैं।

महाशिवरात्रि पर लगता है श्रद्धालुओं का जमावड़ा,,,,,,,

Published from Blogger Prime Android App

इस मंदिर को एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। ये हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर से तकरीबन सात किमी दूर है। महाशिवरात्रि के दिन यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। जटोली शिव मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली से बनाया गया है। मंदिर का भवन निर्माण कला का एक खूबसूरत नमूना है।

क्या है मंदिर की मान्यता ?

ऐसा कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने इस मंदिर में कुछ समय के लिए निवास किया था। जिसके बाद यहां स्वामी कृष्णा परमहंस ने यहां तपस्या की। उनके ही मार्गदर्शन पर मंदिर का निर्माण कराया गया। इस मंदिर के निर्माण मेंं पूरे 39 साल लगे थे

भगवान शिव ने किया था जटोली पर प्रहार,,,,,,,

Published from Blogger Prime Android App

मान्यता ये भी है कि, इस स्थान पर पहले पानी की काफी परेशानी होती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने भगवान शिव की घोर तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने अपने त्रिशूल से उस स्थान पर जमीन पर प्रहार किया और वहां से पानी निकलने लगा। उस दिन के बाद से इस जगह पर कभी पानी की कमी सामने नहीं आई।

कैसी है मंदिर की संरचना ?

Published from Blogger Prime Android App

अगर बात करें जटोली मंदिर की संरचना की तो इस मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। भगवान शिव के मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्तों को 100 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। मंदिर के बाहरी ओर चारों तरफ कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। वहीं मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग है। साथ ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी की मूर्ति भी स्थापित है। इसके साथ ही मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा विशाल सोने का कलश रखा हुआ है। मंदिर का भवन देखने लायक है।