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शिवरात्रि शिव बरात :: वाराणसी में पहली बार पंचबदन शिव की प्रतिमा संग निकलेगी शिव बरात, 40 साल बाद संकल्प होगा पूरा,,,।

शिवरात्रि शिव बरात :: वाराणसी में पहली बार पंचबदन शिव की प्रतिमा संग निकलेगी शिव बरात, 40 साल बाद संकल्प होगा पूरा,,,।



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शिव की नगरी काशी (वाराणसी) महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बरात इस बार खास होगी। 

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बनारसीमस्ती के साथ होलियाना रंग तो बिखरेगा ही, शिव बरात में जी-20 के राष्ट्राध्यक्ष का मास्क लगाकर और झंडा लेकरशिवगण शामिल रहेंगे।

15 फीट लंबा और आठ फीट ऊंचा जी-20 का प्रतीक चिह्न भी बरात के साथ ही चलेगा। ये पहला मौका होगा जब शिव बरात के 41वें साल में प्रतीक शिवलिंग के स्थान पर पंचबदन शिव प्रतिमा को शामिल किया जाएगा। 

शिव बरात समिति के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान, उपाध्यक्ष मनोज केशरी और मंत्री दिलीप सिंह ने अस्सी घाट पर प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि 18 फरवरी को शाम सात बजे महामृत्युंजय मंदिर दारानगर से शिव बरात निकलेगी। बरात दारानगर, चौक, मैदागिन, बुलानाला, गोदौलिया होते हुए डेढ़सी पुल तक जाएगी। वधू पक्ष ठंडई, भांग, माला-फूल के साथ बरातियों की अगवानी करेगा। 

बाबा विश्वनाथ अपने गण, भूत, पिशाच, गंधर्व, नर-किन्नर के साथ होली खेलते नजर आएंगे। झांकियों में काशी की विकास यात्रा के दो स्वरूप नजर आएंगे। विकास की यात्रा में हम क्या खो रहे हैं और क्या-क्या हमें मिल रहा है? इसके अलावा मटकी फोड़ होली, बरसाने की लठ्ठमार होली, मशाने की होली और पूर्वांचल की होली की झांकी भी आकर्षण का केंद्र होगी। 

पूरा होगा विश्वनाथ मंदिर के महंत का संकल्प,,,,,,,

मंत्री व संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि चार दशक पूर्व जब शिव बरात की शुरूआत हुई थी, तो काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत स्व. कौशल पति त्रिपाठी से हमने पंचबदन प्रतिमा की मांग की थी। उस दौरान महंत ने कहा था कि पहली बार आप लोग शिव बरात निकाल रहे हैं और शायद अगली बार न निकालें। ऐसे में हम यह शिव प्रतिमा नहीं दे पाएंगे।

बहुत आग्रह करने पर उन्होंने संकल्प लिया कि अगर 40 साल तक शिव बरात निकलती रही तो 41वें वर्ष में प्रतीक शिवलिंग के स्थान पर पंच बदन रजत शिव की प्रतिमा शामिल होगी। महंत के पुत्र कुलपति तिवारी अब इस संकल्प को पूरा करेंगे और पहली बार शिवबरात में पंचबदन,प्रतिमा को शामिल किया जाएगा। 

नजर आएगी गंगा-जमुनी तहजीब,,,,,,,

शिव बरात में काशी की गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा भी देखने को मिलेगा। सांड़ बनारसी दूल्हा और व्यापारी नेता बदरुद्दीन अहमद दुल्हन बनेंगे। बरात में भूत, पिशाच, बेताल, सपेरे, मदारी, साधु-संन्यासी, देवी-देवता, जादूगर, बैंडबाजा, ढोल, नगाड़ा से सुसज्जित सात समंदर पार से आए विदेशी आकर्षक के केंद्र होंगे। 

अस्सी घाट पर लगी शिव बरात की फोटो प्रदर्शनी समिति की ओर से बनारस के अस्सी घाट पर शिव बारात पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें शिव बरात की फोटो लगाई गई। प्रदर्शनी को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रही।