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'हमें राहत नहीं, बजट ने कम कर दी रसोई की महक': टैक्स में छूट से कामकाजी महिलाएं खुश, क्या बोलीं गृहणियां ?

एजेंसी डेस्क : ब्यूरो,सुभम गुप्ता।आयकर में मिली छूट से आम जनता भले ही राहत महसूस कर रही हो, लेकिन आज गृहणियां खुश नहीं हैं।

उनका कहना है कि मोबाइल, साइकिल, खिलौने, कपड़े सस्ते होंगे, लेकिन ये सभी हर रोज के खर्चे में आने वाले उत्पाद नहीं है। खाद्य सामग्रियां पहले से महंगी हैं। गैस के दाम कम होंगे, ऐसी उम्मीद थी। "पुष्पा सिंह", केराकतपुर,वाराणसी।
माननीय वित्त मंत्री जी भी एक महिला है, फिर भी हम महिलाओं के लिए उन्होंने कुछ नहीं सोचा, कम से कम इस बढ़ती मंहगाई में रसोई की अनाज,तेल,घी, किचन की सामानों को कम करने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हम मध्यम वर्ग की महिलाओं को जैसे तैसे अपना घर चलाना होता है।"ममता केसरी" काशीपुरा।

घरेलू उपयोग की वस्तुओं से जीएसटी कम नहीं की गई। महंगाई जस की तस बनी रहेगी। सौंदर्य प्रसाधन को भी सस्ता नहीं किया गया है। - शिवकुमारी गुप्ता, चंदुआ छित्तूपुर।
महंगाई जितनी बढ़ी है, उस हिसाब से आमदनी नहीं है। महीने के आखिर तक रसोई चलाना मुश्किल हो जाता है। - अनुराधा देव शुक्ला,नाटी इमली।
घर का असली बजट बिजली, पानी, सिलिंडर, मसाले, दाल आदि से चलता है। बजट में वो नहीं मिला जिसकी घरेलू महिलाओं को उम्मीद थी। - पुष्पा सिंह, कंचनपुर।
मध्यम वर्गीय परिवार बड़ी मुश्किल से अपना घर चलाता है, इस महंगाई के दौर में वह बचत की तो सोच ही नहीं पाता, फिर ज्यादा ब्याज की तो बात ही छोड़िए, सरकार को पहले महंगाई कम करनी चाहिए थी। नसरीन बानो, बड़ी बाजार, जैतपुरा वाराणसी।

आम आदमी की थाली से सब्जी, फल, दाल सब गायब होता जा रहा है। हां, ये जरूर है कि टैक्स से छूट मिलने पर मध्यमवर्गीय परिवार को लाभ मिला है। - नमिता तिवारी, गोदौलिया।
रसोई गैस, खाद्य तेल जैसी जरूरी वस्तुओं के दामों में कमी होनी चाहिए थी। - अनिता शाही, महमूरगंज।
मोबाइल खिलौने साइकिल,कपड़े यह सब रोजमर्रा की जरूरतों में काम नहीं आते है, गैस सिलेंडर, अनाज,तेल,घी दाल, घर गिरस्ती की सामान को बजट में कम करना चाहिए था, तो कम से कम मध्यमवर्गीय परिवार को राहत मिलती। और हम महिलाएं घर खर्च से कुछ पैसे बचा कर दो साल बाद अच्छी बचत करके सरकार की स्कीम में पैसे जमा कर पाती।"साधना केसरी" पड़ाव वाराणसी।
