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पड़ाव : पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि भाजपा ने समर्पण दिवस के रूप में मनाया,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी ,ब्यूरो)।एकात्म मानववाद के प्रणेता पं दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि शनिवार को भाजपा,काशी क्षेत्र ने सभी 16 संगठनात्मक जिलों के 30286 बूथों पर समर्पण दिवस के रूप में मनाया।
वाराणसी महानगर के बागेश्वरी मंडल में परेड कोठी स्थित बूथ नंबर 302 पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने पं दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धा सुमन अर्पित कर पार्टी कोष में समर्पण निधि भी दी।
कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं दीनदयाल उपाध्याय ने अन्त्योदय की जो परिकल्पना की थी। उसे साकार करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार कर रही है।
श्रीवास्तव ने कहाकिपं.दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि जब तक समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का विकास नहीं होगा तब तक देश विकास नहीं कर सकता।
पं दीनदयाल के बताए गये मार्ग पर चलते हुए पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित लोगों के उत्थान का कार्य तेज गति से हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से तीव्र गति से देश आगे बढ़ रहा है उसका लोहा पुरा विश्व मान रहा है। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बागेश्वरी मंडल अध्यक्ष सिद्धनाथ शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन पार्षद सुशील कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय मंत्री राकेश शर्मा, सिद्धनाथ शर्मा, सुशील गुप्ता, नवरतन राठी, संतोष सोलापुरकर, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश शुक्ला, सत्य प्रकाश जायसवाल, विभव सिंह, शोभनाथ मौर्या, दिनेश कालरा, आशुतोष कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।
पड़ाव स्मृति उपवन में विविध कार्यक्रम,,,,,,,
पड़ाव स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्मृति उपवन में भी 55वीं पुण्यतिथि मनाई गई। स्मृति स्थल पर स्थित पंडित जी के 63 फीट ऊंचे मूर्ति के पास हवन पूजन,पेंटिंग प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
लगभग 300 बच्चों ने यहां पर पंडित दीनदयाल के जीवन संघर्षों, एकात्म मानव दर्शन और जी-20 पर आधारित चित्र बनाया कार्यक्रम में एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने भी भागीदारी की।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि पंडित दीनदयाल ने एक सिद्धांत दिया था कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं है। राजनीति सत्ता के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति का विकास कर उसका उत्थान कर सके।