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वाराणसी : किसी भी महामारी से निपटने के लिए काशी इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर है तैयार,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)।तीन दिवसीय क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (एफईटीपी) राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 का समापन शुक्रवार को हो गया। सिगरा स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में अन्तिम दिन विभिन्न क्षेत्रीय एपिडेमोलोजिस्ट, चिकित्सकों ने जमीनी स्तर के अनुभवों को साझा किया।
इसके बाद पिछले दो दिनों में हुए विभिन्न पैनल डिस्कशन और ओरल सत्रों में महामारी आउट ब्रेक सर्विलान्स के अध्ययन के विजेता चिकित्सकों, एपिडेमोलोजिस्ट और वैज्ञानिकों को स्वास्थ्य महानिदेशक व एनसीडीसी निदेशक डॉ. अतुल गोयल, सीडीसी कंट्री हेड डॉ. मेघना देसाई, डब्ल्यूएचओ इंडिया के डॉ. ट्रेन मिन्ह और एपिडेमोलोजी विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ. तांजिन डिकिड ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।डॉ.अतुल गोयल ने समस्त क्षेत्रीय एपिडेमोलोजिस्ट को तीन दिवसीय प्रशिक्षण में आउटब्रेक केलिए,लर्निंगमैनेजमेंट,सर्विलान्समॉनिटरिंग और फीडबैक बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अफसरों की टीम ने शहर में विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया,,,,,,,
क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (एफ़ईटीपी) राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 के अन्तिम दिन स्वास्थ्य महानिदेशक,एनसीडीसी निदेशक डॉ. अतुल गोयल सहित यूएस सीडीसी, एनसीडीसी, डब्ल्यूएचओ इंडिया, आईसीएमआर-एनआईई और यूपी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने जनपद के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया।
टीम ने सबसे पहले काशी इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (केआईसीसीसी) का भ्रमण किया।इस दौरान केआईसीसीसी के आईटी हेड अनुराग सिंह, जिला सलाहकार (स्वास्थ्य) डॉ. सौरभ प्रताप सिंह, एनसीडीसी इंडिया की डॉ. ज़री अंजुम, वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड (वीएसईएल) के आईटी मैनेजर राहुल तिवारी और पब्लिक हेल्थ ऑफिसर डॉ. शिशिर ने टीम को कोविड महामारी, केआईसीसीसी के समस्त कार्यों, व्यवस्थाओं, सुविधाओं, सर्विलान्स, मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।टीम ने कंटेनमेंट, क्वारंटीन ज़ोन, सैंपलिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग के बारे में जानकारी ली।
आईटी हेड अनुराग ने बताया कि जब यह सेंटर शुरू किया गया था तो नहीं पता था कि आगे चलकर कोविड महामारी में बेहद कारगर साबित होगा। केआईसीसीसी के जरिये पूरे जनपद में कोविड महामारी के सभी पहलुओं पर 24 घंटे नजर रखी गई। इसके लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित कॉलिंग टीम, आरआरटी टीम, कांटैक्ट ट्रेसिंग टीम, नगर निगम टीम, पुलिस, फूड सप्लाई टीम ने जी जान से काम किया। इसके साथ कोविड हेल्प डेस्क, स्टेटिक बूथ, मेडिकल मोबाइल यूनिट ने जनमानस की पूरी मदद की। इसकी सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन से केआईसीसीसी मॉडल को प्रदेश के अन्य जिलों के साथ विभिन्न प्रान्तों में भी लागू किया गया। इस कार्य के लिए वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड को इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड की चार कैटगरी से सम्मानित भी किया गया। उन्होंने बताया कि केआईसीसीसी कोविड के अलावा अन्यमहामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके बाद डीजी हेल्थ डॉ. अतुल गोयल व टीम ने आयुष्मान भारत - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बड़ागांव का भ्रमण किया।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एस.एस. कनौजिया ने सेंटर पर प्रदान की जा रही समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। एक अन्य टीम ने चिरईगांव ब्लॉक के गोइठहा स्थित नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2019 में तैयार किए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। टीम ने देखा कि यह प्लांट देशभर के लिए एक मॉडल की तरह से कार्य कर रहा है। टीम ने प्लांट की तीनों प्रक्रियाओं क्रमशः फिजिकल ट्रीटमेंट, बायोलोजिकल ट्रीटमेंट और केमिकल ट्रीटमेंट के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी ली। इस दौरान एल एंड टी के प्रोग्राम मैनेजर ऋगभट्टाचार्य, जल निगम के.एस.के रंजन,तकिश बालियान व नीरज सिंह ने टीम को सभी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।