Headlines
Loading...
नईदिल्ली : डिब्रूगढ़ में कल मंगलवार को "एमबी गंगा विलास" करेगा अपनी यात्रा का समापन, स्वागत समारोह में कई मंत्री रहेंगे मौजूद,,,।

नईदिल्ली : डिब्रूगढ़ में कल मंगलवार को "एमबी गंगा विलास" करेगा अपनी यात्रा का समापन, स्वागत समारोह में कई मंत्री रहेंगे मौजूद,,,।



Published from Blogger Prime Android App

एजेंसी, पीटीआई : (नई दिल्ली)।दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास मंगलवार 28 फरवरी को असम के डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा। मालूम हो कि पीएम मोदी ने 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाई थी, जिसके बाद यह रिवर क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की थी।आईडब्ल्यूएआई ने अपने एक बयान में कहा कि एमवी गंगा विलास 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा।

Published from Blogger Prime Android App

डिब्रूगढ़ में आयोजित होगा भव्य स्वागत समारोह,,,,,,,

IWAI के मुताबिक, 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में भारतीयअंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक स्वागत समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल अन्य केंद्रीय और अन्य राज्य मंत्रियों के साथ शामिल होंगे।

दो वर्षों के लिए पहले ही बुक,,,,,,,

28 फरवरी को पटना साहिब, बोधगया, विक्रमशिला, ढाका, सुदरबन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते डिब्रूगढ़ पहुंचने के बाद क्रूज 50 दिनों में 3,200 किमी की दूरी तय करेगा। मालूम हो कि क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता वाले तीन डेक और 18 सुइट हैं। यह अगले दो वर्षों के लिए आने-जाने के लिए पहले से ही बुक है।

कई धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का मिलता है अवसर,,,,,,, 

Published from Blogger Prime Android App

बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि एमवी गंगा विलास क्रूज ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के नदी क्रूज मानचित्र पर प्रस्तुत किया है। भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन और माल ढुलाई के लिए एक नया क्षितिज और कार्यक्षेत्र खोल रहा है। आध्यात्मिकता की तलाश करने वाले पर्यटकों को काशी, बोध जैसे स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलता है।

भारत और बंगलादेश के बीच माल ढुलाई के लिए नए अध्याय की शुरुआत,,,,,,,

Published from Blogger Prime Android App

गया, विक्रमशिला, पटना साहिब और प्राकृतिक विविधता को देखने के इच्छुक लोग सुंदरवन और काजीरंगा जैसे स्थलों को कवर करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह मार्ग भारत और बंगलादेश दोनों के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल ढुलाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करता है।