चैत्र नवरात्रि 2023
चैत्र नवरात्रि 2023: शैलपुत्री की आराधना के साथ नवरात्र आज से, जानें कलश स्थापना पूजा विधि और शुभ मुहूर्त,,,।
चैत्र नवरात्रि 2023 : मां दुर्गा की विशेष आराधना को समर्पित चैत्र नवरात्र आज बुधवार से शुरू हो जाएंगे। कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह छह बजकर 23 मिनट से सात बजकर 32 मिनट तक था। 30 मार्च तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना होगी।
नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा,,,,,,,
हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्लपक्ष प्रतिपदा से नवरात्र घटस्थापना के साथ शुरू हो जाते हैं। आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, नवरात्र के दौरान व्रत धारण कर पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से वह अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। जिससे सुख, समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
घरों में अखंड जोत जलाने के साथ इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा मंगलवार रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर बुधवार रात आठ बजकर 20 मिनट तक रहेगी। ऐसे में बुधवार से नवरात्र शुरू होंगे।
तिथि दिन वार नौ देवियों की पूजा दर्शन,,,,,,,
बुधवार 22 मार्च : शैलपुत्री।
गुरुवार 23 मार्च : ब्रह्मचारिणी।
शुक्रवार 24 मार्च : चंद्रघंटा।
शनिवार 25 मार्च : कूष्मांडा।
रविवार 26 मार्च : स्कंदमाता।
सोमवार 27 मार्च : कात्यायनी।
मंगलवार 28 मार्च : कालरात्रि।
बुधवार 29 मार्च : महागौरी।
गुरुवार 30 मार्च : सिद्धिदात्री।
कलश स्थापना पूजा विधि,,,,,,,
सबसे पहले प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें।
पूजा स्थल की सजावट करें व चौकी रखें।
कलश में जल भरकर रखें।
इसके बाद कलश को कलावा से लपेट दें।
फिर कलश के ऊपर आम व अशोक के पत्ते रखें।
इसके बाद नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर कलश के ऊपर रख दें।
इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा की आराधना करें।
शास्त्रों में मां दुर्गा के पूजा-उपासना की बताई गई विधि से पूजा प्रारंभ करें।
बाजारों में उमड़ रही खरीदारों की भीड़,,,,,,,
सोमवार को ही नवरात्र पर पूजा पाठ का सामान लेने के लिए बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़नी शुरू हो चुकी थी।
मंगलवार को विशेश्वरगंज, चौक, गोलादीनानाथ,किरानामेवामार्केट कतुआपुरा, नारियल बाजार और मैदागिन समेत विभिन्न क्षेत्रों में लोग ने श्रृंगार किट, नारियल, धूप, दीये, कलश, जौ बोने के लिए पात्र, फल, फूल, चुनरी और मिष्ठान आदि की खरीदारी की। इसके अलावा व्रत का सामान भी खरीदा।