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प्रयागराज : 25 हजार के इनामी बदमाश को पुलिस ने रात में पकड़ा, सुबह बिना कार्रवाई थाने से छोड़ा,,,।
एजेंसी डेस्क : (प्रयागराज,ब्यूरो)।उमेश पाल हत्याकांड जैसी जघन्य वारदात होने के बाद भी जिले में पुलिसकर्मी अपराधियों पर लगाम कसने को लेकर गंभीर नहीं हो रहे हैं।ऐसा ही एकमामला कर्नलगंज थाने में आया है जहां रात में पकड़े गए इनामी अपराधी को सुबह बिना कार्रवाई थाने से छोड़ दिया गया। जिस बदमाश को थाने से छोड़ा गया, वह आधी रात फायरिंग- बमबाजी करने और रंगदारी मांगने के मामले में 10 महीने से वांछित चल रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अफसरों ने जांच कराने की बात कही है।
सूत्रों के मुताबिक शनिवार रात कर्नलगंज पुलिस की टीम गश्त पर थी। हालैंड हॉल हॉस्टल के पास देर रात कुछ युवक सड़क पर खड़े होकर शराब पीते मिले। पुलिस इन्हें थाने ले आई और पूछताछ के बाद बैठा लिया। सुबह बिना कार्रवाई उन्हें थाने से छोड़ दिया गया। हंगामा तब मचा, जब पता चला कि जिन युवकों को छोड़ा गया, उनमें आलोक परिहार भी शामिल था। वह रंगदारी मांगने और बमबाजी के मामले में पिछले 10 महीने से वंचित चल रहा था और उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में थाने के एक कारखास सिपाही और हेड मुहर्रिर की भूमिका संदिग्ध है। एसीपी कर्नलगंज राजेश कुमार यादव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। आरोपी बमबाजी व रंगदारी मांगने के मामले में वांछित था लेकिन मुकदमे के विवेचक छुट्टी पर हैं। इसी वजह से कुछ गलत फहमी हुई और उसे थाने से पुलिस कर्मियों ने छोड़ दिया। उधर डीसीपी नगर दीपक भूकर ने कहा कि उन्हें फिलहाल प्रकरण की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
सलोरी में दो मई को हुई थी घटना,,,,,,,
आलोक परिहार जिस घटना में नामजद है, वह सलोरी में पिछले साल दो मई को हुई थी। लाॅज मालिक दुर्गेश कुमार शुक्ला ने तहरीर देकर आलोक समेत चार नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ फायरिंग, बमबाजी व रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि आरोपी उससे रंगदारी मांग रहे थे। और पूर्व में भी 10 हजार रुपए वसूल चुके थे। दो मई की रात व शहर से बाहर था और इसी दौरान देर रात पहुंचकर उसके लाॅज पर फायरिंग-बमबाजी कर सनसनी फैला दी थी।
दुष्कर्म के मामले में 4.5 लाख में करा दिया था समझौता,,,,,,,
इनामी अपराधी को थाने से छोड़े जाने के मामले में जिस कारखास सिपाही की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है वह कुछ महीनों पहले ही कर्नलगंज थाने में एक दुष्कर्म के मामले में रुपए लेकर समझौता कराने के मामले में भी बेहद चर्चित रहा था। घूरपुर थाने में तैनात एक सिपाही आजमगढ़ निवासी युवती को कर्नलगंज थाने के पास स्थित एक होटल में लेकर गया था और वहां उससे दुष्कर्म किया। यही नहीं सुबह होते ही उसे होटल में छोड़कर भाग निकला था।
कई बार फोन लगाने के बाद भी जब वह नहीं आया तो युवती तहरीर लेकर कर्नलगंज थाने पहुंची। सूत्रों का कहना है कि बाद में थाने के कारखास,सिपाही एक दरोगा और कुछ अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर पीड़िता पर दबाव बनाकर उसे समझौते के लिए राजी किया। इसके बाद आरोपी सिपाही से कुल 4.5 लाख रुपए लिए। इसमें से डेढ़ लाख रुपए पीड़िता को देखकर बाकी रुपयों का बंदर बांट कर लिया गया था। घटना पुलिस महकमे में काफी दिनों तक चर्चा का विषय बनी रही। चर्चा यह भी रही थी कि आरोपी सिपाही ने मोबाइल ऐप के जरिए इंस्टेंट लोन लेकर यह रकम दी थी।