कर्नाटका न्यूज़
वाह रे पुलिस! कांसटेबल की चोरी स्कूटी को किया नीलाम, खरीदने वाली भी पुलिसकर्मी की पत्नी निकली,,,।
एजेंसी डेस्क : (कर्नाटक,ब्यूरो)। बैंगलुरु से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें दो पुलिसकर्मियों ने ही एक पुलिस कॉन्सटेबल की स्कूटी की नीलामी कर दी। हैरान करने वाली बात ये थी जिस महिला ने वो स्कूटी खरीदी वो किसी दूसरे पुलिसकर्मी की पत्नी थी। स्कूटी की निलामी करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच भी की गई है। उनमें से एक की पहचान रवि के तौर पर हुई है जो शहर के पुलिस कमिश्नर ऑफिस में काम करते हैं जबकि दूसरे राजीव नेमांगला शहर में पुलिस इंस्पेक्टर हैं।
दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट फिलहाल डायरेक्टर जेनरल और इंसपेक्टर जेनरल के ऑफिस में है। वहीं स्कूटी उसके सही मालिक तक पहुंचा दी गई है लेकिन पुलिस कॉन्सटेबल ने दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात कही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 अगस्त 2020 को नागार्जुन नाम के एक कॉन्सटेबल केकम्मागोंडानाहल्ली में स्थित घर के बाहर से स्कूटी चोरी हो गई थी।
शिकायत दर्ज कराने से पहले ही निलामी,,,,,,,
नागार्जु के मुताबिक, उन्होंने 8 नवंबर 2020 को गंगम्मनगुडी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि स्कूटी की नीलामी ब्यादरहल्ली पुलिस ब स्टेशन में 4 नवंबर को ही कर दी गई थी। आशा रवि नाम की महिला ने 4 हजार की बोली लगाकर उस स्कूटी को खरीदा था। आशा ब्यादरहल्ली पुलिस स्टेशन में निलामी के वक्त हेड कॉन्सटेबल रहे रवि की पत्नी थी। वहीं राजीव वहां पुलिस इंस्पेक्टर थे। मार्च 2021 में गंगम्मनगुडी पुलिस ने ये कहकर केस बंद कर दिया कि स्कूटी का कोई पता नहीं चल पा रहा है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा?
इसके बाद हाल ही में जब सरकार ने ट्रैफिक फाइन में 50 फीसदी छूट की घोषणा की तो नागार्जुन ने ऐसे ही अपनी चोरी हुई स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नंबर डाला। हालांकि इसके बाद उसने जो देखा वो चौंकाने वाला था। उसकी स्कूटी के खिलाफ चालान रजिस्टर था। साथ में एक तस्वीर भी दिखाई दी जिसमें एकमहिला बिना हेल्मेट स्कूटी चला रही थी। नागार्जु ने तुरंत महिला के घर का पता ढूंढ लिया, तब उसे पता चला कि वह रवि की पत्नी हैं। इसके बाद उन्होंने तुंरत रवि और राजीव को भी पकड़ लिया और सवाल जवाब करने लगे। तीनों के बीच काफी बहस हुई लेकिन नागार्जु ने कोई भी शिकायत दर्ज नहीं कराई।
बाद में एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने मामले पर छपा एक आर्टिकल पढ़ा और स्वत: संज्ञान लेते हुए तीनों से पूछताछ की जिसके बाद स्कूटी उसके असली मालिक तक पहुंच गई।