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पीछे आया शुक्र तो मणि धारण किए दिखा चांद,, लोगों ने कहा चंद्रघंटा माता की कृपा तो कहीं लोगों ने इसे रमजान से जोड़कर बताया,,,।

पीछे आया शुक्र तो मणि धारण किए दिखा चांद,, लोगों ने कहा चंद्रघंटा माता की कृपा तो कहीं लोगों ने इसे रमजान से जोड़कर बताया,,,।



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एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)।आसमान में शुक्रवार की शाम उनींदे चांद ने जैसे ही अंगड़ाई ली एक खूबसूरत मणि जैसीआकृति उसके गले में बनारस सहित पूरे देशवासियों को दिखाई दी। जैसे मानों चमकते चांद में किसी ने 'चार चांद लगा दिए हो। इस नजारे को जिसने देखा, देखता ही रह गया। लोगों के मुंह खुली की खुली रह गई। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह नजारा कभी-कभी दिखता है। यह शुक्र ग्रह पर ग्रहण की एक खगोलीय घटना है।

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शुक्रवार की शाम 6.30 बजे से रात 9 बजे के बाद तक यह नजारा आसमान में दिखा। खगोल वैज्ञानिकों ने बताया कि इस घटना को 'लूनर ऑक्यूलेशन और वीनस कहते हैं। 

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दरअसल यह ग्रहण जैसी एक घटना है। इस दौरान पृथ्वी, चंद्रमा और शुक्र ग्रह एक सीध में आ जाते हैं। अपनी कक्षा में घूमते हुए शुक्र जब चंद्रमा और पृथ्वी के सामने आता है तो कुछ देर के लिए यह चंद्रमा के नीचे दिखाई देता है जैसे किसी ने इसे लटका दिया हो। 

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बीएचयू के भौतिक विभाग के डॉ. अभय कुमार सिंह ने बताया कि यह घटना वर्षों में एक बार होती है। 

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काशी के युवा खगोल शास्त्री वेदांत पांडेय ने बताया कि चांद के नीचे शुक्र ग्रह इससे पहले 2020 में देखा गया था। यह नजारा अब 2035 में दिखाई देगा।

किसी ने मां चंद्रघंटा से तो किसी ने रमजान से जोड़ा,,,,,,,

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शाम से ही काशी के आसमान पर दिख रहे चांद और चमकीले ग्रह की लोगों ने अपने-अपने हिसाब से व्याख्या की। "केसरी न्यूज़ नेटवर्क" वाराणसीप्रतिनिधि ने जब फील्ड में लोगों से पूछा तो उनमें से निहाल उद्दीन अंसारी, रहीम, और सरफराज अंसारी ने बताया कि रमजान की पहली शाम को दिखे इस नजारे को देखना खुदा की नेमत है, और उनका कहना था कि रमजान की शुरुआत में ऐसा नजारा देश के लिए खुशी का पैगाम लाएगा। 

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वहीं, तुषार कुमार, शुभम गुप्ता, आदित्य नारायण केसरी,श्रीमती साधना देवी,  कु.संध्या ने हमारे प्रतिनिधि को बताया की नवरात्र के तीसरे दिन के कारण इस दृश्य को घोर कलयुग में भी पूरी तरह से हम लोगों को मां चंद्रघंटा देवी ने दर्शन दिया है, क्योंकि नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा माता की आराधना की जाती है। 

तो वही कुछ लोगों ने (सरजू,लालू यादव,गोपाल पटेल, मदन, व रवि प्रजापति) इसे ही चंद्रघंटा माता का स्वरूप बताते हुए इसे एक शुभ संकेत बताया है। 

देर रात्रि तक इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लंबी बहसें होती रहीं है।