एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)। वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर की चैत्र नवरात्रि में चौथे दिन दर्शन करने का विधान सदियों से चला आ रहा है।
चैत्र नवरात्रि में मान्यता है कि, देवी श्रृंगार गौरी का पूजन करने से श्रद्धालुओं के जीवन में सभी प्रकार की सुख समृद्धि आती है।
मूलत: श्रृंगार गौरी वैभव और सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं। नवरात्र के चौथे दिन श्रृंगार गौरी के पूजन की मान्यता है। पूजन की मान्यता होने के साथ ही देवी कुष्मांडा की पूजा भी काशी में की जाने की परंपरा है।
मगर, गौरी के प्रतीकों का काशी में चैत्र नवरात्र में अधिक मान रहा है। इस लिहाज से काशी के अलग-अलग स्थानों पर मौजूद मां गौरी के स्वरूपों की पूजना अर्चना का विधान माना गया है।
चैत्र नवरात्री की चतुर्थी पर काफी संघर्षों के बाद वर्ष 2004 में एक दिन के दर्शन पूजन हेतु मंदिर खुला। तब से आज तक इस परंपरा को काशीवाशी निभाते चले आ रहे हैं। चैत्र नवरात्र के चौथे दिन शनिवार को श्रृंगार गौरी के दर्शन का सिलसिला आरंभ हुआ।
चौक स्थित चित्रा सिनेमा के पास सभी भक्त जन एकत्रित होकर हाथों में पूजन सामग्री लेकर माता की जयकारा लगाते हुए गुलशन कपूर काशीपुत्र के नेतृत्व में ज्ञानवापी पहुंचे। सर्वप्रथम माता का ज्ञानवापी कूप के जल से स्नान कराया गया फिरविभिन्न फूलों से श्रृंगार किया गया। इसके बाद माता को सिंदूर अर्पण कर विविध मिष्ठान का भोग लगाया गया। आरती के दौरान पूरा परिसर मां के जयकारे से गूंज उठा।
भक्तों ने मां को माला-फूल,प्रसाद, नारियल और चुनरी व मिष्ठान अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। सुहागिन महिलाओं ने भी मां को श्रृंगार का सामान अर्पित कर अखंड सुहाग की कामना की।
सभी ने मातारानीसे विश्वकल्याण मानव समाज की रक्षा व भव्य माता का मंदिर निर्माण के लिए प्रार्थना किया।
गुलशन कपूर ने बड़ी ही सुगमता से दर्शन-पूजन के लिए पुलिस प्रशासन को धन्यवाद कहा।
मंदिर प्रशासन द्वारा मुख्य द्वार बंद रखने और माता के पास छज्जा की व्यवस्था ना किए जाने के कारण शिकायत भी दर्ज कराई गई।