गोरखपुर: जनपद में एक ऐसे डिवाइस पर रिसर्च किया गया है, जो किसानों की आवारा जानवरों की समस्या का समाधान करेगी।
किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए गोरखपुर के बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पांच छात्रों ने ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो किसानों के लिए बहुत मददगार हो सकती है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित यह डिवाइस आवारा जानवरों से खेतों को बचाने के लिए है। फिलहाल गोरखपुर के एक गांव में इसका ट्रायल चल रहा है। किसी भी जानवर के खेत में घुसते ही ये डिवाइस अलार्म बजाती है और किसान के फोन पर अलर्ट भेज देती है। किसान भी अपने फोन पर अपने खेत की लाइव तस्वीरें देखकर खेत की निगरानी कर सकते हैं।
किसान आवारा पशुओं के कारण फसलों के चरने से काफी परेशान रहे हैं। उनके लिए यह डिवाइस निश्चित तौर पर एक बेहतर सुविधा बनेगी। सोलर चार्जिंग स्टेशन से कनेक्ट होने पर डिवाइस में लगभग 24 घंटे की बैटरी होती है। डिवाइस के दूसरे इस्तेमाल भी हैं। इसके जरिए किसान घर बैठे ही पंप सेट को कंट्रोल कर सकते हैं और पानी के फ्लो को कम कर सकते हैं। डिवाइस को इंस्टीट्यूट की 'इनोवेशन सेल' ने डेवलेप किया है। इस डिवाइस को बनाने में करीब एक महीने का वक्त लगा।
बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र हर्ष मिश्रा इस डिवाइस के बारे में बताते हैं कि किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि जानवर आते हैं और फसलों को बर्बाद कर देते हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने एक प्रोजेक्ट बनाया। एक बार जब आप इस डिवाइस को अपने खेत में लगा लेते हैं तो ये हर वक्त खेत की ऑटोमेटिक रखवाली करेगा। जब भी कोई आवारा जानवर खेत में घुसने की कोशिश करेगा, तो इससे आपके फोन पर नोटिफिकेशन अलर्ट आ जाएगा।
बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्च एसोसिएट अमरीश तिवारी ने बताया कि डिवाइस में दो एलसीडी पैनल और सेंसर हैं जो फर्टिलाइजरों की जरूरत की निगरानी में मदद करेंगे। हम कुछ और सेंसर जोड़ेंगे, जो हमें मिट्टी की उर्वरता वैल्यू पर डेटा इकट्ठा करने में मदद करेंग। इस प्रकार के उपकरण से निश्चित तौर पर किसानों को खेती में आसानी होगी। पैदावार को भी बढ़ाने में यह यंत्र कारगर साबित होगा।