वाराणसी। नगर के हरिश्चंद्र घाट पर शुक्रवार को शिवभक्त चिताओं की राख से भस्म की होली खेल रहे हैं। भक्त शिव-पार्वती 'भूत पिशाच बटोरी दिगंबर, खेले मसाने में होरी' गाने पर डांस कर रहे हैं। चिताओं के चारों ओर मस्ती में झूम रहे हैं। हर तरफ चिता की राख उड़ रही है। सड़कें राख से पटी हैं।
जिधर नजर जा रही, कोई चेहरे पर राख मल रहा है, तो कोई चिता भस्म से नहाया है। जहां एक तरफ चिता जल रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोग भस्म की होली का उत्सव मना रहे हैं। हर तरफ हवा में भस्म और गुलाल उड़ रहा है। चंदन और भस्म से रंगे शिव भक्त भोलेनाथ के जयकारे लगा रहे हैं।
वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर शुक्रवार को शिवभक्त चिताओं की राख से भस्म की होली खेल रहे हैं। भक्त शिव-पार्वती 'भूत पिशाच बटोरी दिगंबर, खेले मसाने में होरी' गाने पर डांस कर रहे हैं। चिताओं के चारों ओर मस्ती में झूम रहे हैं। हर तरफ चिता की राख उड़ रही है। सड़कें राख से पटी हैं।
रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद यानी शनिवार को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की होली खेली जाएगी। जहां हजारों की संख्या में शिव भक्त जलती चिताओं के बीच में होली खेलेंगे। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव खुद भूत-प्रेतों के संग होली खेलने आते हैं।