Headlines
Loading...
दशहरी आम का इतिहास : 200 साल पुराना पेड़, जिससे तोड़ा गया था दुनिया का पहला दशहरी आम! हर कोई इसे देखना चाहता है,,,।

दशहरी आम का इतिहास : 200 साल पुराना पेड़, जिससे तोड़ा गया था दुनिया का पहला दशहरी आम! हर कोई इसे देखना चाहता है,,,।



Published from Blogger Prime Android App

::::::::: एजेंसी खोज डेस्क ::::::::: दशहरी आम का इतिहास व पेड़ वैसे तो लोग गर्मी के मौसम से परेशान ही रहते हैं, लेकिन एक चीज है जो गर्मियों का मजा दोगुना कर देती हैं और वो है फलों का राजा आम। जी हां, भारत में आम की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है। देश की मिट्टी मेंआम कीहजारों प्रजातियों के फलचखने को मिलते हैंलेकिन बात करें देसी आम की तो इस जैसी स्वाद पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलता। सभी की जुबान पर दशहरी आम का चस्का चढ़ा हुआ है। यूपी में ही दशहरी आमों का उत्पादन होता है, यहीं ये दूसरे देशों में इस प्रजाति के आम निर्यात किए जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दशहरी आम का नाम एक गांव के नाम पर रखा गया है।

Published from Blogger Prime Android App

काकोरी गांव का नाम दशहरी गांव भी ,,,,,,,

लखनऊ के निकटवर्ती काकोरी में यह दशहरी गांव स्थित है, जहां पर इतिहास का प्रसिद्ध काकोरी कांड हुआ था। माना जाता है कि इसी गांव के 200 साल पुराने पेड़ से पहला दशहरी आम मिला था। गांव वालों से मिलकर इस आम का नाम गांव दशहरी के नाम पर रख दिया। आज 200 साल बाद भी ना तो दशहरी आम का स्वाद बदला है और ना ही वो पेड़, जिससे दुनिया को पहला दशहरी आम मिला था। 

बेचा नहीं जाता इस पेड़ का आम

आज दशहरी आम लखनऊ की शान बन गया है। देश-विदेश के लोग इसका स्वाद चखते हैं। हर पेड़ से कई टन फलों का उत्पादन मिलता है। लेकिन दुनिया का पहला दशहरी आम देने वाला पेड़ कुछ खास है।आज 200साल बाद भी ये पेड़ सही सलामत अपने स्थान पर खड़ा है।

आम का सीजन आते ही इस बुजुर्ग पेड़ पर फिर से फलों के गुच्छे लग जाते हैं, लेकिन रुतबा ही कुछ ऐसा कि इस पेड़ का एक भी फल बेचा नहीं जाता, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दशहरी गांव में इस पेड़ को नवाब मोहम्मदअंसार अली ने लगवाया था, और आज उनके परिवार के लोग ही इस पेड़ पर मालिकाना हक रखते हैं।और इसी परिवार को पेड़ के सारे,आम भेज दिए जाते हैं।

फिर मलीहाबाद कैसे पहुंचाआम 

दशहरी गांव के लोग बताते हैं कि कई साल पहले इस पेड़ की,टहनी को गांववालों से छिपाकर मलीहा बाद ले जाया गया और तब ही से दशहरी आम मलीहाबादी आम के नाम से फेमस हो गया। गांव वालों की श्रद्धा देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। वो इसे एक चमत्कारी पेड़ मानते हैं। गांव वालों की मानें तो कुछ साल पहले ये पेड़ पूरी तरह से सूख चुका था। सारी पत्तियां झड़ गई थीं, लेकिन आज के टाइम पर सीजन आते ही 200 साल पुराना ये पेड़ आम से लद जाता है।

दशहरी आम की शौकीन रहे मिर्जा गालिब,,,,,,,

जानकारी के लिए बता दें कि दशहरी गांव आज मलीहाबाद इलाके में आता है। मलीहाबाद के लोग बताते हैं कि कभी मिर्जा गालिब भी कोलकाता से दिल्ली की यात्रा करते थे तो मलीहाबादी आम का स्वाद जरूर चखते थे। आज भी कई सेलेब्रिटी दशहरी आम के शौकीन हैं। दशहरी गांव के लोग बताते हैं कि, भारतीय फिल्म जगत के कई अभिनेता इस पेड़ का दीदार करने गांव आ चुके हैं। दूसरे गांव से भी लोग इस पेड़ को देखने आते हैं, इसकी छांव में बैठते हैं, और ठंडी हवा  का लुफ्त उठाने के बाद इस पेड़ की यादों को तस्वीरों में कैद कर  अपने साथ ले जाते हैं।