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वाराणसी संस्कृत यूनिवर्सिटी महाविद्यालय के लिए मिले थे 90 लाख रुपए, कॉलेज की जगह गेस्ट हाउस का निर्माण एवं संचालन,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)।वाराणसी,संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय से संबद्धमहाविद्यालयों में बिना काम कराए ही विश्वविद्या लयअनुदानआयोग(यूजीसी) को उपभोग प्रमाणपत्र भेजने का मामला सामने आया है।
90 लाख रुपये महाविद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए मिले थे।लेकिन, धनराशि का दुरुपयोग किया गया। कॉलेज का भवन जर्जर है,वहींसंस्कृतमहाविद्यालय की जगह गेस्टहाउस का संचालन किए जाने का मामला भी सामने आया है।
संस्कृतविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी के निरीक्षण में गड़बड़ी सामने आई है। पता चला है कि संस्कृत संरक्षण मिशन के तहत महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इसके तहत निश्चित धनराशि आवंटित की गई। कुलपति ने बताया कि पोखरावाराणसीस्थित रामानुज संस्कृत महाविद्यालय में भवन निर्माण के लिए यूजीसी से 90 लाख रुपये मिले थे। इसका सही उपयोग नहीं किया, फिर भी उपभोग प्रमाण पत्र यूजीसी को भेज दिया गया।
महाविद्यालय में एक अध्यापक और चार छात्र मिले, जबकि 127 छात्र पंजीकृत हैं। प्राचार्य और अन्य शिक्षक भी नहीं मिल सके। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कुलपति ने जांच कराने का फैसला किया है।
इसके लिए समिति गठित की जाएगी। विश्वविद्यालय स्तर से गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
संस्कृत महाविद्यालय में चलता मिला गेस्ट हाउस,,,,,,,
कुलपति के निरीक्षण के दौरान संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध पीतांबरीमठ गोदौलिया स्थित मायानंद संस्कृत महाविद्यालय की जगह माया गेस्ट हाउस संचा लित होते पाया गया। कुलपति ने बताया कि महाविद्यालय के नाम पर एक कोने में दो कमरे मिले हैं, जिनकी साफ-सफाई नहीं की गई थी। मौके पर एक भी विद्यार्थी और अध्यापक नहीं मिला है।
कॉलेज के प्रबंधक कॉलेज के स्थान पर माया गेस्ट हाउस का संचालन कर देववाणी भाषा संस्कृत के साथ छलावा कर रहे हैं। इस मामले में प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।