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Atiq Ahmed News: 44 साल में अतीक अहमद का कैसे बना सियासी कनेक्शन से खौफ का खेल ? पढ़े यहां,,,।
अतीक अहमद स्टोरी माफिया डॉन से नेतागिरी तक का सफर,,,, प्रयागराज के माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी एसटीएफ ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया, लेकिन उससे पहले 45 दिनों तक उसके और पुलिस के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा।असद 45 दिनों से फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में थी। पुलिस से बचने के लिए असद 28 फरवरी को कानपुर ने दिल्ली पहुंचा।
सुत्रों के मुताबिक यहां उसकी मदद एक पूर्व सांसद ने की, कहा ये भी जा रहा है कि दिल्ली में उसके बेटे असद की मदद अबू सलेम ने की। अतीक अहमद ने भी पूलिस पुछताछ में कई खुलासे किए। अतीक ने ISI से कनेक्शन कबूला। लश्कर से भी अतीक का कनेक्शन है। उसने पाकिस्तान से हथियार खरिदने की बात भी कूबूली। यही नहीं डॉन अबू सलेम से भीअतीक का रिश्ता है।
गुडांगिरी से नेतागिरी तक का सफर,,,,,,,
दरअसल, अतीक के सीयासी कनेक्शन बहुत अच्छे हैं। वो इस्तेमाल पिछले फिछले चार दशकों से कर रहा है। इन चार दसकों में उसके रिश्ते यूपी के बड़े- सियायतदानों से रहे। 1979 में अपने उपर पहलीएफआईआर दर्ज होने के बाद उसने 1989 सांप्रदायिक कार्ड खेला और इलाहाबाद वेस्ट की सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बना। इसके बाद वो इसी सीट से 1991, 1993, 1996 और 2002 तक जीतता रहा।
1996 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर इलाहाबाद वेस्ट की सीट से ही चुनाव लड़ा और जीता इसके बाद अतीक सोनेलाल पटेल की पार्टी अपना दल से इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद समाज वादी पार्टी में एक बार फिर अतीक की वापसी 2004 में हुई। इस बार वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर फुलपुर से सांसद बना। बता दें माफिया डॉन पर 101 मुकदमें दर्ज हैं। 2023 में अतीक को पहली बार सजा किसी मामले में सजा मिली है।
ताजा जानकारी के अनुसार अतीक अहमद और उसके भाई को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा है।