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Atique Ahmed Murder: 49 दिन में खत्म हुआ अतीक के 44 साल का आतंक, राजू पाल के गवाह की हत्या बनी काल

Atique Ahmed Murder: 49 दिन में खत्म हुआ अतीक के 44 साल का आतंक, राजू पाल के गवाह की हत्या बनी काल



प्रयागराज। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ (Atique Ahmed Asraf Murder) की हत्या हो गई है. प्रयागराज में अज्ञात हमलावरों ने धड़ाधड़ गोलियां बरसा दीं. विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह की हत्या अतीक का काल बन गई. दिन दहाड़े जब राजू पाल की हत्या हुई तो प्रयागराज सहम गया था. 



हर ओर गोलियों की गूंज सुनाई दे रही थी. ये किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था. विधायक पूजा पाल व करीबियों ने बताया 25 जनवरी को राजू जी गांव के ही एक छात्र की हत्या के संबंध में एसआरएन हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस गए थे. दोपहर करीब तीन बजे वहां से घर वापस आ रहे थे. वो क्वालिस लेकर खुद चला रहे थे. क्वालिस में उनके एक मित्र करेली निवासी सादिक व उनकी पत्नी रखसाना से चौफटका पर मुलाकात हुई.


इस दौरान रूखसाना को साथ अपनी गाड़ी में बैठा लिया औ सादिक से अपने स्कूटर से घर आने को कहा. उनके पीछे काफिले में एक अन्य गाड़ी स्कार्पियो थी. दोनों गाड़ियों में एक-एक सुरक्षा हेतु गनर थे. वहां से कुछ दूर चले ही थे कि नेहरू पार्क मोड के पास पहले से घात लगा कर बैठे लोग गाड़ी के पीछे से गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस बीच एक चार पहिया वाहन राजू पाल की गाड़ी के सामने ला खड़ी की गई. इसके बाद शूटरों ने राइफल, बंदूक सहित अन्य तरह के असलहों से लैश राजू पाल की गाड़ी पर गालियों की बौछार शुरू कर दी.

इन गोलियों की बौदार से गाड़ी में जगह-जगह सुराख हो गए. इस हमले में राजू पाल को कई गोलियां लग चुकीं थीं. गोलियों की आवाज से चारों तरफ अफरा तफरी मच गई थी. कुछ देर बात राजू समर्थक घायल अवस्था में टैम्पों में बैठा कर जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाने लगे. ऐसे में दूर दराज से घटना क्रम पर नजर रखने वाले शूटरों को लगा कि अभी राजू पाल जिंदा है. इसके बाद शूटर फिर से चलती टैंपों को दाए-बांए व पीछे से घेर कर असलहों से फायरिंग की गई.

राजू पाल को लगीं 19 गोलियां

इस फायरिंग से सुलेम सराय से जीवन ज्योति हॉस्पिटल तक करीब चार से पांच किमी तक हुई. इस फायरिंग से पूरी सड़क पर अफरा तफरी मच गई थी. लोग खुद को गोलियों की बौछार से बचाने के लिए गिरते-पड़ते भागते नजर आए. पूजा पाल ने बताया कि अस्पताल में उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. शूटरों द्वारा किए गए हमले के दौरान उन्हें 19 गोलियां लगी थीं. इस दौरान उनके साथ काफिले में संदीप यादव व देवीलाल की भी जान चली गई थी.

राजूपाल हत्याकांड के गवाह की हत्या

आपको बात दें कि बीएसपी विधायक राजू पाल के हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की सरेआम 24 फरवरी को धूूमनगंज थाना क्षेत्र में गोलियों और बमबाजी से हमला कर हत्या कर दी गई. इस कांड के पीछे उमेश की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद के परिवार पर मुकदमा दर्ज कराया. मामले में अतीक, अशरफ, अतीक के बेटे असद, उसकी पत्नी शाइस्ता समेत उनके गुर्गों पर मुकदमा दर्ज कराया गया. पुलिस ने एनकाउंटर में असद को 13 अप्रैल को मार गिराया, इसके साथ ही गुर्गा गुलाम भी मारा गया. वहीं, 15 अप्रैल को असद को प्रयागराज में ही दफनाया गया. इसी रात अतीक और अशरफ को अज्ञात बदमाशों ने मार गिराया.