एजेंसी डेस्क : (जबलपुर, ब्यूरो)। हनुमान जयंती विशेष:::::वैसे तो हनुमान जी को संकट मोचक कहा जाता है।उनके कईचमत्कार भी सुनने को मिलते हैं। एक ऐसा ही मंदिर कटनी जिले में भी है, जहां जोड़ों के दर्द और टूटी हड्डी के मरीज आते हैं, और राम नाम लिखकर ठीक होने की अर्जी लगाते हैं। यहां मरीजों की कतार ऐसी ही है, जैसे किसी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट के यहां लगती है। कोई स्ट्रेचर पर लाया गया है, तो कोई बैसाखी के सहारे यहां पहुंचा है। लोगों की आस्था है कि हनुमान जी टूटी हड्डी जोड़ देंगे और जोड़ों का दर्द भी दूर कर देंगे।
कटनी जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर मुहांसा स्थित इस मंदिर में प्रवेश करते ही पूरे परिसर में सीताराम-सीताराम जपते हुए श्रद्धालु दिखाई देंगे।संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन कर अपने कष्ट दूर करने की चाह से यहां आने वालों की संख्या सैकड़ों में है। मंदिर के पुजारी ने सभी को तकरीबन दो घंटे तक सीताराम का जाप करने को कहते हैं। फिर मंदिर के पुजारी सरमन जी द्वारा सभी को आंखें बंद करने को कहा जाता है। सहयोगी के साथ पीड़ितों को औषधि खिलाई जाती है। पत्तियों व जड़ रूपी इस औषधि को चबाकर खाने की सलाह देते हैं। औषधि खिलाते ही सबको विदा कर दिया जाता है। मंदिर के पुजारी अवधेश दुबे का दावा है कि यहां भगवान वीर हनुमान विराजे हैं,उनकेआशीर्वाद से हर तरह के फ्रेक्चर जुड़ जाते हैं।
औषधि का रहस्य बताते हुए मंदिर के पुजारी दुबे ने बताया कि मंदिर के पहले पंडा सुखमयन लाल जी को भगवान ने साधु रूप में आकर औषधि दी थी। उसके बाद से भगवान के आशी र्वाद से मंदिर की प्रसिद्धि पूरे देश भर में फैल गई है। अभी दिल्ली की एक रिसर्च टीम मंदिर आई थी। उसने औषधि का परीक्षण कर बताया कि, इसमें कुछ नहीं है। पंडा सरमन पटेल का दावा है कि, इस औषधि को खाने और हनुमानजी के प्रताप से हड्डियां अपने आप जुड़ जाती हैं। मंदिर में यूं तो दवा सदैव दी जाती है, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से निर्धारित है। स्थानीय रहवासी मदन दुबे ने बताया कि जब लोग डॉक्टर के यहां इलाज कराकर निराश हो जाते हैं, तब हनुमानजी की शरण में आते हैं।
यह पर आने वालों में गुजरात, राजस्थान, यूपी, बिहार समेत अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं। मंदिर में इलाज कराने यूपी से आए श्याम यादव ने बताया कि सड़क हादसे में उनका पैर,फैक्चर हो गया था। झांसी के डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा, तो मैने मुहांसा में हनुमानजी के दर्शन के बाद जड़ी-बूटी खाई है। और अब तो बहुत ही आराम है।
देशभर से आस्था के साथ पहुंचते हैं श्रद्धालु,,,,,,,
कटनी के इस मंदिर आने वालों में उत्तरप्रदेश,दिल्ली,बिहार,झारखंड और अन्य प्रदेश के मरीज भी शामिल हैं। नरसिंहपुर से आए एक मरीज ने बताया कि इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है। दिल्ली से आई एक महिला ने बताया कि वह काम करते समय गिर गई थी। इससे उनका एक हाथ टूट गया था। डॉक्टर ने एक्सरे के बाद हाथ में फ्रेक्चर होने पर प्लास्टर बांधने की सलाह दी थी। तब उन्हें इस मंदिर का पता चला और वह यहां हनुमान जी के दर्शन और औषधि खाने पहुंची है। औषधि खाने के बाद उनका हाथ पूरी तरह से ठीक है। विदिशा के नंदकिशोर ने बताया कि उनके पैरों में दर्द रहता था। किसी रिश्तेदार ने मुहांसा मंदिर के बारे में बताया और वह यहां पहुंचे हैं। अब उन्हें आराम है। वे दूसरी बार हनुमानजी का दर्शन करने और प्रसाद चढ़ाने आए हैं।
हनुमान जन्मोत्सव की शुरू हुई तैयारियां ,,,,,,,
हनुमान जन्मोत्सव की तैयारियां को लेकर अवधेश दुबे ने बताया कि प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अखंड रामायण के बाद भगवान हनुमान जी का सुंदरकांड होगा। इसके बाद भंडारा स्वरूप प्रसाद वितरित किया जाएगा। अवधेश दुबे ने मंगलवार और शनिवार का महत्व बताते हुए कहा कि दोनों ही दिन हनुमानजी के होते हैं। इस दिन दी गई औषधि ज्यादा असरदार रहती है। शनिवार और मंगलवार को मंदिर में पीड़ितों का मेला लगता है। आज भी हजारों की तादाद में लोग यहां पहुंचते हैं।