वाराणसी महामूर्ख मेला न्यूज़
महामूर्ख मेला::बनारस में अजब-गजब की 'शादी': दुल्हन की दाढ़ी और मूंछ देख भड़का दूल्हा, पूरा मामला जान पेट पकड़ कर हंसेंगे,,,।
एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)।हरदम मस्त रहने वाला शहर बनारस शनिवार रात एक अजब-गजब की शादी का गवाह बना। उत्तरवाहिनी के घोड़ा घाट पर शनिवार शाम बेमेल विवाह के मंत्र अगड़म बगड़म जूता रगड़म, ब्याह कराऊं पकड़म-धकड़म...से गूंज उठा। पुरोहित महिला दूल्हा और पुरुष दुल्हन की शादी करवा रहा था और हर कोई पेट पकड़ कर हंस रहा था। विवाह की रस्में पूरी होने के बाद जैसे ही दूल्हे ने दुल्हन की दाढ़ी व मूंछें देखीं तो उसने तुरंत छुट्टम छुट्टा कर दिया। इसी के साथ विवाह तोड़ने की घोषणा भी हो गई। यह नजारा था डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर शनिवार गोष्ठी की ओर से आयोजित महामूर्ख मेले का। शुरुआत अतिथियों को आलू-प्याज, घंटा-घंटी की माला और स्मृति चिह्न के रूप में बुलडोजर देकर सम्मानित करने के साथ हुई।
मेले के आकर्षण का केंद्र सोलह श्रृंगार कर दुल्हन बने डॉ. ए.के. पांडेय नगाड़े की धुन पर लंगड़ाते हुए और दूल्हा बनी आशा पांडेय मटकते हुए आईं। पुरोहित उज्जवल पांडेय ने अवैदिक और अर्थ शून्य मंत्र पढ़ते हुए विवाह की रस्में कराईं। विवाह होते ही दूल्हा-दुल्हन में विवाद हो गया।
दुल्हन की दाढ़ी व मूंछ देख दूल्हा भड़क गया। दूल्हे ने आव देखा न ताव और मंच पर पहुंचकर माइक छीनते हुए ऐलान कर दिया कि यह शादी उसे मंजूर नहीं है। मंच पर मौजूद कवियों ने जोड़े को एक साल तक साथ रहकर कोई निर्णय करने की सलाह दी, लेकिन महिला दूल्हा ने किसी की सलाह मानने से मना कर दिया।
इसके बाद कवि सांड़ बनारसी ने बुलडोजर को देखिए जमी हुई है धाक, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग करे पल भर में ही खाक... सुनाकर हास्य रस की बरसात शुरू कराई। दमदार बनारसी ने जिस दिन से राजनीति की महफिल में घुस गए, उस दिन से ही योगी जी सबके दिल में घुस गए..., दो चार के घरों पे ये बुलडोजर क्या चला, अपराधी माफिया तो सारे बिल में घुस गए...सुनाकर तालियां बटोरीं। बादशाह प्रेमी ने दर्शकों को गुदगुदाया। श्याम लाल यादव फक्कड़ गाजीपुरी ने बुल्डोजरा क किस्मत देखा, सरकारी मेहमान भइल बा...सुनाया।
शनिवार गोष्ठी केअध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान और सांड़ बनारसी ने आगंतुकों का स्वागत किया। उपाध्यक्ष श्याम लाल यादव, रमेश दत्त पांडेय व संस्कृति मंत्री नंद कुमार टोपीवाले ने सभी को उल्टी सीधी टोपी पहनाकर अभिवादन किया।